महाराष्ट्र में यशवंत शिन्दे ने खुद को संघ का पूर्व प्रचारक बताते हुए आरएसएस पर गंभीर आरोप क्यों लगाए हैं? आख़िर उन्होंने में हलफनामा में क्या कहा है? जानिए संघ पर ऐसे आरोप क्यों लगते रहे हैं।
नोएडा में करोड़ों रुपये की लागत से बने ट्विन टावर को ढहाने के बाद एक सवाल जरूर खड़ा होता है कि क्या इन इमारतों को गिराना ही एक विकल्प रह गया था? इन्हें किसी काम में नहीं लाया जा सकता था?
महंगाई, बेरोज़गारी जैसे बड़े मुद्दों पर कांग्रेस ने देशभर में जोरदार प्रदर्शन किया। लेकिन बीजेपी ने इस प्रदर्शन को राम मंदिर शिलान्यास और कश्मीर में अनुच्छेद 370 को हटाने की तारीख से क्यों जोड़ दिया?
संसद सत्र के दौरान ही कांग्रेस के राज्यसभा सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे को ईडी का समन क्या राज्यसभा सांसद के विशेषाधिकार का उल्लंघन नहीं है? चुनाव आयोग इस पर क्यों मौन है?
प्रधानमंत्री मोदी के 'हर घर तिरंगा' अभियान के बाद विपक्ष ने आरएसएस और इसके पदाधिकारियों को क्यों निशाने पर लिया है? जानिए अब तिरंगा के प्रति संघ का रुख कितना बदला है।
अमेरिकी हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा ने दुनिया में खलबली मचा दी है। श्रीलंका में हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन की उपस्थिति से क्या ऐसी खलबली मची थी? ऐसे हालात में भारत को क्या करना चाहिए?
2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी या एनडीए की तरफ़ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार कौन होंगे, क्या इस सवाल पर संदेह है? तो फिर अमित शाह को या बीजेपी को यह कहने की ज़रूरत क्यों पड़ी?
सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के मयाने क्या हैं? सोनिया के अलावा राहुल गांधी, तृणमूल, शिवसेना जैसे विपक्षी दलों के नेताओं से पूछताछ क्या बदले की कार्रवाई है?
मोदी सरकार ने जिन शब्दों को संसद में असंसदीय क़रार दिया है, क्या उन शब्दों में कुछ भी आपत्तिजनक है या फिर उन शब्दों से कोई डर है? क्या हो जब इन शब्दों के बदले दूसरे शब्द इस्तेमाल किए जाने लगें?
ऑल्ट न्यूज़ के सह संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ कई मुक़दमे दर्ज किए जा चुके हैं। क्या यह दिखाने की कोशिश की जा रही है कि ज़ुबैर बहुत बड़े अपराधी हैं जबकि नुपूर शर्मा को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है।
पहले नूपुर शर्मा और अब महुआ मोइत्रा की टिप्पणी के कारण देश की सियासत में अच्छा खासा विवाद खड़ा हो गया है। क्या इन दोनों महिला नेताओं की गिरफ्तारी होगी?
एकनाथ शिंदे और बागी विधायकों की ओर से बार-बार बाला साहेब के हिन्दुत्व का तर्क दिया जा रहा है। यह जानना जरूरी है कि क्या शिवसेना अपनी शुरुआत से हिन्दुत्ववादी पार्टी थी?
अग्निपथ योजना के खिलाफ देश भर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन कर रहे युवा आखिर क्यों इतने उग्र हो गए हैं, इस बारे में केंद्र सरकार उनसे बात क्यों नहीं करती?