बार-बार हिंदू राष्ट्र का नारा क्यों लगाया जाता है? क्या देश की आज़ादी में कुर्बानी देने वाले महापुरुषों ने कभी सपने में भी 'हिंदू राष्ट्र' की बात सोची होगी?
आज नेताजी की जयंती है और इसे देश में पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। आरएसएस के राजनीतिक मुखौटे बीजेपी सरकार बहुत जोरशोर से कार्यक्रम कर रही है। लेकिन जरा जानिए कि नेताजी आरएसएस की विचारधारा के क्यों खिलाफ थे। इतिहास पर नजर डालता यह महत्वपूर्ण लेख जरूर पढ़िए।
संघ प्रमुख मोहन भागवत के हिंदू समाज के द्वारा हज़ार साल से युद्ध का सामना करने की बात कहना और मुसलमानों को यह सलाह देना कि वे श्रेष्ठता के बोध से बाहर निकलें, इस बयान का क्या मतलब है?
जोशीमठ पर आया संकट अप्रत्याशित नहीं है। 1976 में गढ़वाल के तत्कालीन कमिश्नर एम.सी.मिश्रा की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने ग्लेशियर के मलबे पर बसे शहर के भविष्य को लेकर अपनी आशंका जता दी थी। लेकिन कमेटी और विशेषज्ञों की राय को दरकिनार कर दिया गया।
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आखिर कैसे बीजेपी और कांग्रेस को एक बताया है, इसके पीछे क्या आधार है, क्या समाजवादी पार्टी इसे साबित कर पाएगी?
क्या ओबीसी आरक्षण के लिए ‘ट्रिपल टेस्ट फ़ार्मूले’ के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को जानबूझ कर तो नज़रअंदाज़ नहीं किया गया? क्या योगी सरकार निकाय चुनाव कराना ही नहीं चाहती थी?
भारत में क्रिसमस उत्सव का विरोध करने वाले लोग कौन हैं? आख़िर कौन लोग विरोध में तुलसी पूजन दिवस मना रहे हैं? जानिए स्वामी विवेकानंद ने क्रिसमस और ईसा को लेकर क्या कहा था।
यूपीए-1 के समय मनमोहन सरकार ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट मे हलफ़नामा दिया था कि यह पुल एक प्राकृतिक संरचना मात्र है और इसके मानव निर्मित होने का कोई साक्ष्य नहीं है। लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस को हिंदू विरोधी सिद्ध करने का अभियान चला दिया था। अब वही बात केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में कही है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी की शहादत को याद करते हुए पूछा है कि क्या बीजेपी के घर के किसी कुत्ते ने भी देश के लिए बलिदान दिया है? खड़गे ने कहा है कि आरएसएस और बीजेपी के नेताओं ने आज़ादी के आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया। बीजेपी चाहे तो आज़ादी के आंदोलन में बलिदान हुए अपने नायकों की लिस्ट देकर उन्हें जवाब दे सकती है। लेकिन क्या वह ऐसा करेगी?
क्या जातिभेद ख़त्म करके ‘विशुद्ध भारतीय’ बनने की चुनौती के सामने भारतीय समाज के सभी अंगों ने आत्मसमर्पण कर दिया है? और मीडिया इसे किस रूप में ले रहा है?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के आज 100 दिन पूरे हो गए। आख़िर इन दिनों में यात्रा से कांग्रेस ने क्या संदेश दिया और राजनीति में क्या बदलाव हुए? जानिए राहुल गांधी की इस यात्रा के मायने क्या हैं।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका लगाकर ताजमहल के 22 कमरों को खोलने की मांग की गई। दावा किया गया कि हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियाँ हैं। कभी तेजोमहालय का दावा किया गया। सच क्या है? जानिए, ताजमहल की सचाई।
कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी के कांग्रेस के साथ जुड़ने के साथ यह सवाल अब ज़्यादा जोरशोर से उठने लगा है कि आख़िर वामपंथी क्यों कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं? इसका क्या असर पड़ेगा? पत्रकार रहे और हाल ही में कांग्रेस से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की टिप्पणी...
बजरंग दल ने अहमदाबाद की एक दुकान में रखी कामसूत्र को धर्मविरोधी क्यों बताया? क्या देश में दकियानूसी सोच हावी होती जा रही है? 'भारत, अफ़ग़ानिस्तान से बेहतर है' जैसी तुलना की नौबत क्यों आई?
पत्रकार अरुण पांडेय नहीं रहे। वरिष्ठ पत्रकार पंकज श्रीवास्तव लिखते हैं- सुबह से फ़ेसबुक पर शोक की एक नदी बह रही है जिसके हर क़तरे पर एक नाम है- अरुण पांडेय।
महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शिवसेना के साथ मिलकर सरकार बनाई तो शिवसेना के आदर्श शिवाजी को मुसलिम विरोधी क्यों बता रही है बीजेपी?
'सर्वविद्या की राजधानी' कहलाने वाली बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी बीएचयू के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर पद पर हुई फ़िरोज़ ख़ान की नियुक्ति अब राष्ट्रव्यापी बहस का मुद्दा है।
सावरकर को लेकर भारतीय राजनीति में हमेशा विवाद रहा है। बीजेपी और हिंदुत्व की राजनीति करने वाले संगठन सावरकर को सबसे बड़ा देशभक्त बताते हैं जबकि कांग्रेस और कुछ इतिहासकार अपने दावों के जरिये इसे नकारते हैं।