उत्तर प्रदेश के हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत पिछले दो सालों में निरुद्ध 41 लोगों में (जिनमें 90 फ़ीसदी अल्पसंख्यक थे) 30 की गिरफ़्तारी ग़लत क़रार दी। नौकरशाही को आख़िर हुआ क्या है?
पश्चिम बंगाल की चुनावी रणनीति में दो बड़े किरदार हैं- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और केंद्र सहित कई राज्यों में विजय पताका फहराने वाली भारतीय जनता पार्टी। पर कौन मज़बूत है?
स्वीडेन की वी-डेम और अमेरिकी एनजीओ फ्रीडम हाउस ने भारत में प्रजातंत्र की स्थिति पहले से ख़राब बताई। सत्ताधारी वर्ग यह नहीं समझता कि वर्तमान दौर में देश की हर ख़बर दुनिया भर में पहुँचती है।
स्वयं गाँधी ने ही नहीं कांग्रेस ने भी राजनीतिक स्वतंत्रता के मुकाबले हमेशा समाज सुधार को, खासकर हिंदू समाज की कुरीतियों पर प्रभावी प्रहार को ख़ारिज या निलंबित रखा।
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विगत 8 फ़रवरी को न्यूज़ चैनलों के स्व-नियमन संस्था को लिखा है कि कुछ चैनलों ने अपनी ख़बरों में दलित शब्द का प्रयोग किया है जो प्रोग्राम कोड के तीन उपबंधों का उल्लंघन है।
गृह मंत्रालय को तलाश है देश में ऐसे साइबर-वालंटियर्स की जो कई गंभीर अपराधों, आतंकवाद, कट्टरवाद और राष्ट्र-विरोधी ग़ैर-क़ानूनी कंटेंट देने वालों की पहचान करें और उनके बारे में मंत्रालय को बताएं।
सरकार का मानना है कि अम्बानी (याने कॉरपोरेट घरानों) पर टैक्स लगाकर उस पैसे से ग़रीबों की स्थिति बेहतर करने की जगह सरकार को विकास के पहले दौर में ग़रीबों की निरपेक्ष ग़रीबी जैसे मौलिक सुविधाओं का अभाव ख़त्म करना होगा। उसके अनुसार सापेक्ष गरीबी (जो शुद्ध रूप से असामनता-जनित होती है) तो अमेरिका में भी है।
कुछ दिनों पहले नोएडा में एक सड़क दुर्घटना के बाद एकत्रित हुए तमाशबीनों को कार के ड्राईवर ने अपना हिन्दू नाम बताया लेकिन जब पुलिस पहुँची और उसका लाइसेंस देखा तो वह मुसलमान निकला।
दुनिया में कोरोना-वैक्सीन का लोक-प्रयोग करने वाला पहला देश ब्रिटेन है। इसने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन नहीं, अमेरिकी कम्पनी फाइज़र के टीके को प्रयोग की इजाज़त दी।
किसान आन्दोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत 29 नवम्बर को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में तीनों क़ानूनों को भाग्य बदलने वाला बताया, लेकिन क्या किसान प्रधानमंत्री का विश्वास करेंगे?
स्टैंडअप कॉमेडियन भारती सिंह और उसके पति को गांजा रखने और पीने के आरोप में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने गिरफ्तार किया। दीपिका पदुकोण सहित कई हस्तियाँ राडार पर हैं। क्या समाज के आइकन खरा नहीं उतर रहे हैं?
बिहार चुनाव में चिराग पासवान के अलग होने से नीतीश कुमार का दल कम सीटें पाता है तो यह उनकी पार्टी का एक सत्य है लेकिन सबसे बड़ा सत्य है कि 125 सीटें जीत कर एनडीए ने सरकार बनाई।
सदियों से दबे वर्ग में सशक्तिकरण की झूठी चेतना पैदा करने की उत्तर प्रदेश और बिहार बड़ी प्रयोगशालाएं रही हैं। साल 2000 की ही बात है, बिहार विधानसभा चुनाव में लालू यादव यादव-बाहुल्य वाले राघोपुर क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे थे। फिर क्या हुआ?
बिहार के मुख्यमंत्री को शायद समझ में नहीं आया कि लम्बे समय तक शासन में रहने के अपरिहार्य दोष के रूप में पैदा हुए सामंती अहंकार का विस्तार लोकप्रियता के उल्टे अनुपात में होता है।
डेढ़ माह में पहले पीएम के ‘मन की बात’ के दौरान भी 10 लाख लोगों ने ‘डिसलाइक’ दर्ज कराया था। उसे यह कह कर ख़ारिज किया गया जो युवा संघ लोक सेवा की परीक्षा और अन्य परीक्षाओं को टालने की माँग कर रहे थे, यह उनका फ़ौरी गुस्सा था।
टीआरपी का खेल अच्छी पत्रकारिता को धीरे धीरे ख़त्म करता जाता है और लोगों की समस्याएं और जन उपयोगी सामग्री टीवी से दूर होता जाता है। कैसे, समझें इस लेख में।
घटना के १६ दिन और पीड़िता के मरने के तीन दिन बाद आसानी से अधिकारी कह सकते हैं कि पोस्टमोर्टेम रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई। अब इसे झूठ कौन ठहराएगा? लाश तो जल चुकी है।