चुनाव आयोग पर लगातार गंभीर सवाल क्यों उठ रहे हैं? चुनाव प्रचार में नफ़रती भाषणों पर कार्रवाई से लेकर मतदान के आँकड़े जारी करने में देरी तक को लेकर ईसीआई निशाने पर क्यों है? अब विपक्षी नेता खड़गे पर ही आयोग नाराज़ क्यों?
पतंजलि के उत्पादों के विज्ञापनों में कथित उल-जलूल दावों पर बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की माफी के बाद भी उनकी मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। आख़िर किन वजहों से पतंजलि ने ऐसे दावे करने शुरू कर दिए थे?
खेतिहर मजदूर की उत्पादकता एक रुपया है तो मैन्युफैक्चरिंग के श्रमिक की 3.5 रुपये और सेवा क्षेत्र के कर्मचारी की 4.7 रुपये। कमाल काम करने वाले का क्यों नहीं है?
मोदी सरकार का गवर्नेंस मॉडल किसके लिए है? इससे किसको फ़ायदा हो रहा है? मिनरल वॉटर पीने वालों को या फिर दो वक़्त का खाना भी न खा पाने वालों को? वरिष्ठ पत्रकार एन के सिंह बता रहे हैं गवर्नेंस मॉडल का पूरा सच-
नारद घोटाले में सीबीआई ने सत्ताधारी टीएमसी के चार नेताओं को गिरफ्तार किया लेकिन मुख्य अभियुक्त सहित जो अन्य आरोपी केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी में शामिल हो गए उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसा क्यों?
देश जब दवा, बेड्स, इलाज, ऑक्सीजन और टीके के अभाव में मौत सामने देख रहा है, देर से ही सही, प्रधानमंत्री के सांत्वना और भरोसे के दो शब्द देशवासियों ने सुने।
कोरोना वायरस की असली शक्ति है मनुष्य के रक्त के आरबीसी में प्राकृतिक मोलिक्यूल—बिलीवरडीन और बिलीरुबिन- जो शरीर में बने एंटीबाडीज को भी रोक देते हैं और स्वयं इस प्रोटीन के साथ जुड़ कर कोरोना को सुरक्षित कर देते हैं।
उत्तर प्रदेश के हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत पिछले दो सालों में निरुद्ध 41 लोगों में (जिनमें 90 फ़ीसदी अल्पसंख्यक थे) 30 की गिरफ़्तारी ग़लत क़रार दी। नौकरशाही को आख़िर हुआ क्या है?
पश्चिम बंगाल की चुनावी रणनीति में दो बड़े किरदार हैं- मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और केंद्र सहित कई राज्यों में विजय पताका फहराने वाली भारतीय जनता पार्टी। पर कौन मज़बूत है?
स्वीडेन की वी-डेम और अमेरिकी एनजीओ फ्रीडम हाउस ने भारत में प्रजातंत्र की स्थिति पहले से ख़राब बताई। सत्ताधारी वर्ग यह नहीं समझता कि वर्तमान दौर में देश की हर ख़बर दुनिया भर में पहुँचती है।
स्वयं गाँधी ने ही नहीं कांग्रेस ने भी राजनीतिक स्वतंत्रता के मुकाबले हमेशा समाज सुधार को, खासकर हिंदू समाज की कुरीतियों पर प्रभावी प्रहार को ख़ारिज या निलंबित रखा।
भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने विगत 8 फ़रवरी को न्यूज़ चैनलों के स्व-नियमन संस्था को लिखा है कि कुछ चैनलों ने अपनी ख़बरों में दलित शब्द का प्रयोग किया है जो प्रोग्राम कोड के तीन उपबंधों का उल्लंघन है।
गृह मंत्रालय को तलाश है देश में ऐसे साइबर-वालंटियर्स की जो कई गंभीर अपराधों, आतंकवाद, कट्टरवाद और राष्ट्र-विरोधी ग़ैर-क़ानूनी कंटेंट देने वालों की पहचान करें और उनके बारे में मंत्रालय को बताएं।
सरकार का मानना है कि अम्बानी (याने कॉरपोरेट घरानों) पर टैक्स लगाकर उस पैसे से ग़रीबों की स्थिति बेहतर करने की जगह सरकार को विकास के पहले दौर में ग़रीबों की निरपेक्ष ग़रीबी जैसे मौलिक सुविधाओं का अभाव ख़त्म करना होगा। उसके अनुसार सापेक्ष गरीबी (जो शुद्ध रूप से असामनता-जनित होती है) तो अमेरिका में भी है।
कुछ दिनों पहले नोएडा में एक सड़क दुर्घटना के बाद एकत्रित हुए तमाशबीनों को कार के ड्राईवर ने अपना हिन्दू नाम बताया लेकिन जब पुलिस पहुँची और उसका लाइसेंस देखा तो वह मुसलमान निकला।
दुनिया में कोरोना-वैक्सीन का लोक-प्रयोग करने वाला पहला देश ब्रिटेन है। इसने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्रेजनेका की वैक्सीन नहीं, अमेरिकी कम्पनी फाइज़र के टीके को प्रयोग की इजाज़त दी।
किसान आन्दोलन के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विगत 29 नवम्बर को अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में तीनों क़ानूनों को भाग्य बदलने वाला बताया, लेकिन क्या किसान प्रधानमंत्री का विश्वास करेंगे?
स्टैंडअप कॉमेडियन भारती सिंह और उसके पति को गांजा रखने और पीने के आरोप में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने गिरफ्तार किया। दीपिका पदुकोण सहित कई हस्तियाँ राडार पर हैं। क्या समाज के आइकन खरा नहीं उतर रहे हैं?