मोदी सरकार जातिवार जनगणना तो करवाएगी, मगर स्वर्ण वर्चस्व को बचाने के लिए वह उसमें कई पेंच फंसा सकती है। राजनीतिक- सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव से डॉ. मुकेश कुमार की बातचीत
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने जाति जनगणना के मामले में अपना रुख़ एकदम से क्यों बदल लिया? क्या विपक्षी दलों द्वारा बनाए गए माहौल ने उसे झुकने के लिए मजबूर कर दिया? अब प्रधानमंत्री मोदी और उनकी सरकार के सामने क्या रास्ता बचा है?
क्या किसान आंदोलन के बारे में भड़काऊ बोल कंगना की गिरफ़्तारी का कारण बनेंगे? उनके ख़िलाफ़ एएफआईआर की मांग क्या रंग लाएगी? क्या मोदीजी उन्हें फिर बचाएंगे?
ममता बैनर्जी के इस्तीफ़े की मांग करने वाला पश्चिम बंग छात्र समाज कौन है? इस संगठन से कौन लोग जुड़े हुए हैं? क्या इसके नवन्ना अभियान के पीछे बीजेपी और संघ हैं?
बेंगलुरु की एक महिला कारोबारी ने ब्राह्मण जीन लिखकर अपना फोटो सोशल मीडिया पर डाला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर दूसरी पोस्ट में ब्राह्मणों की तारीफ की है और कहा कि वे आज जो कुछ हैं अपने दम पर हैं, उन्हें आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिलता। अनुराधा तिवारी नामक इस महिला की इस बात पर बहस तो हो रही है लेकिन क्या उनकी टिप्पणी नस्लवादी और जातिवादी है। सत्य हिन्दी डॉट कॉम के संपादक डॉ मुकेश कुमार की टिप्पणीः
Mood of the nation survey: BJP सरकार से जनता भारी नाराज़ है. केवल 27% लोग ही सरकार से संतुष्ट हैं. जबकि 44 फीसदी जनता असंतुष्ट हैं. इसके अलावा प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल और मोदी में अंतर काफी घटा है. तो क्या हरियाणा बीजेपी के हाथ से जा रहा है? हरियाणा और J&K अगर हारी तो महाराष्ट्र का क्या होगा? देखिए The Daily Show में इस विषय पर चर्चा.
दो महीने का कार्यकाल प्रधानमंत्री मोदी के बारे में क्या कहता है? क्या वे अब एक कमज़ोर प्रधानमंत्री रह गए हैं? क्या ये उनके बुरे दिनों की शुरुआत है? यही हाल रहा तो उनकी छवि का क्या होगा?
नौकरशाही में सीधे नियुक्तियाँ करके मोदी सरकार क्या हासिल करना चाहती है? क्या वह बड़ी कुर्सी पर किसी संघी को बैठाना देगी? क्या आरक्षण को ख़त्म करने का ये भी एक तरीक़ा है? क्या नौकरशाही पर अडानी-अंबानी का कब्ज़ा हो जाएगा?
अमृतकाल में ये कैसी घटनाएँ घट रही हैं? राम मंदिर चूने लगा, अयोध्या का राम पथ धंस गया, लाखों की स्ट्रीट लाइट चोरी हो गईं, ज़मीनों की लूट का पर्दाफ़ाश हो गया, जगह-जगह पुल गिरने लगे, रेलें पटरियों से उतरने लगीं…?
प्रधानमंत्री ने लाल क़िले से अपने भाषण में मौजूदा सिविल कोड को सांप्रदायिक क्यों कहा? क्या ये बाबा साहब अंबेडकर और संविधान निर्माताओं का अपमान नहीं है? क्या उन्हें देश से माफ़ी नहीं मांगनी चाहिए?
मोदी तिरंगे को लेकर इतनी अपील क्यों कर रहे हैं? बीजेपी तिरंगे को लेकर इस कदर उत्साहित क्यों है? क्या हिंदुत्व को तिरंगे से प्रेम हो गया है? हिंदुत्ववादियों की तिरंगे के बारे में क्या राय रही है?
आख़िर वे कौन से सवाल हैं जिनके जवाब मोदी सरकार नहीं देना चाहती? हिंडेनबर्ग के भँडाफोड़ से बचने के लिए कांग्रेस पर हमला करने की उसकी रणनीति कितना काम करेगी? क्या ED द्वारा राहुल गाँधी से पूछताछ से लोगों का ध्यान बँटेगा?
क्या तेलुगू देशम पार्टी यानी टीडीपी ने मोदी सरकार के साथ खेल कर दिया? क्या टीडीपी के बदले रुख़ ने उसे वक्फ़ विधेयक को संसदीय समिति भेजने के लिए मजबूर होना पड़ा? क्या
शेख़ हसीना से क्या चूक हुई क्या वे स्थिति को संभाल सकती थीं? क्या अब कट्टरपंथियों की सत्ता में वापसी हो सकती है? फौज खुद सत्ता की बागडोर में हाथ लेगी या चुनाव करवाएगी?
उद्धव ठाकरे अमित शाह पर इस उग्रता के साथ हमले क्यों कर रहे हैं? उन्हें अहमद शाह अब्दाली का वंशज क्यों बता रहे हैं? उन्होंने फड़नवीस को खटमल क्यों कहा, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू के हिंदुत्व पर सवाल क्यों उठाए? क्या अमित शाह इसका जवाब देंगे और देंगे तो किस तरह से?
अखिलेश यादव ने एक ब्राम्हण को नेता प्रतिपक्ष बनाकर क्या खेल किया है? मायावती क्यों उनके इस क़दम से आग़बबूला हो रही हैं? क्या इससे योगी की कुर्सी ख़तरे में पड़ सकती है?
किसान मोदी सरकार के बजट से ख़फ़ा क्यों हैं? वे बजट की प्रतियाँ जलाने का ऐलान क्यों कर रहे हैं? उनकी कौन सी मांगों की उपेक्षा की गई है? क्या सरकार सचमुच में खेती कार्पोरेट के हवाले करने जा रही है?
योगी सरकार के फ़रमान पर सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम रोक लगाना कितना बड़ा झटका है? क्या ये उन राज्यों के लिए भी कड़ा संदेश नहीं है जो योगी की राह पर चलने लगे थे या चलने की तैयारी कर रहे थे?