उत्तरप्रदेश की योगी सरकार मुज़फ्फरनगर दंगों के आरोपियों को क्यों मुक्त करना चाहती है? इसका दंगा पीड़ितों में क्या संदेश जाएगा? क्या वह चुनावी लाभ के लिए ऐसा करने जा रही है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- शरत् प्रधान, शीतल पी. सिंह, शीबा असलम फ़हमी, सिद्धार्थ कलहंस और ड़ॉ. रविकांत-
ताक़त का इस्तेमाल, महिलाओं से बदसलूकी और निर्धारित समय से पहले सत्रावसान, क्या मोदी सरकार इसी तरह संसद चलाना चाहती है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-एन के सिंह, राजेश बादल, क़ुरबान अली, विजय त्रिवेदी, अनिल त्यागी और प्रिया सहगल-
क्या विपक्षी दलों ने राहुल को नेता को तैर पर कबूल कर लिया है? क्या वे विपक्ष को एक करने में कामयाब होंगे? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-श्रवण गर्ग, विनोद शर्मा, विनोद अग्निहोत्री और अशोक वानखेड़े
क्या लालू यादव राष्ट्रीय स्तर और बिहार में नई बिसात बिछा रहे हैं? क्या वे नीतीश को अपने साथ लाने में कामयाब होंगे? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं- सतीश के सिंह, निवेदिता, अनिल सिन्हा, समी अहमद और ऋषि मिश्रा-
ममता बैनर्जी विपक्षी एकता के लिए इतनी जल्दबाज़ी क्यों कर रही हैं? क्या वे खुद को भावी प्रधानमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट करने का इरादा रखती हैं? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं-विनोद शर्मा, राधिका रामशेषन, गौतम लाहिड़ी, नीरेंद्र नागर और आलोक जोशी-
जाति-आधारित जनगणना की माँग का औचित्य क्या है? मोदी सरकार उसके लिए क्यों तैयार नहीं है? प्रो. मुकेश कुमार बात कर रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार प्रो. दिलीप मंडल से-
बीएसपी अगर ब्राम्हणों को लुभाने में लगी है तो उसमें ग़लत क्या है? चुनाव जीतने के लिए दूसरे दल जैसे जातीय गँठजोड़ बनाने की कवायद नहीं कर रहे हैं, क्या वह बीसपी की कोशिश से अलग है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं विनोद अग्निहोत्री, शरद गुप्ता, डॉ. रविकांत, डॉ. सतीश प्रकाश
क्या राहुल गाँधी और कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव की जासूसी के मामले में गृहमंत्री को त्यागपत्र दे देना चाहिए? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार एन. के. सिंह, अनिल त्यागी, अशोक वानखेड़े, शीतल पी सिंह और नीरेंद्र नागर-
क्या राजद्रोह कानून के मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनेगी सरकार? क्या सुप्रीम कोर्ट सरकार को इसके लिए बाध्य कर सकता है? डॉ. मुकेश कुमार बात कर रहे हैं सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत दवे से
तालिबान की कट्टरता अफग़ानिस्तान को कहाँ ले जाएगी? वे पिछली बार की तरह ही जुल्म ढाएंगे या फिर इस बार बदले हुए होंगे? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं- क़मर आग़ा, शिवकांत (लंदन), क़ुरबान अली, सज्जाद पीरज़ादा (लाहौर) और शीबा असलम फ़हमी
चित्रकूट में संघ यूपी चुनाव के लिए क्या कर रहा है? योगी राज को बचाने की वह क्या रणनीति बना रहा है? डॉ. मुकेश कुमार के साथ चर्चा में शामिल हैं संतोष भारतीय, अंबरीश कुमार, सतीश के सिंह, प्रो. रविकांत और सिद्धार्थ कलहंस
मंत्रिमंडल विस्तार में मोदी ने नीतीश की क्यों नहीं सुनी? बिहार में वे मज़ाक के पात्र क्यों बन गए हैं? क्या बिहार की राजनीति में उनका महत्व ख़त्म हो रहा है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं एन. के. सिंह, निवेदिता, सतीश के सिंह, समी अहमद, ऋषि मिश्रा
मोदी सरकार के हमले तेज़, ख़तरें में सरकार? क्या करेंगे उद्धव और शरद पवार? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार अशोक वानखेड़े, सतीश के सिंह, संदीप सोनवलकर, रवि आंबेकर, आलोक जोशी
शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों पर बीजेपी की तरफ से हमले क्यों हो रहे हैं? क्या वह किसानों को धमकाना चाहती है या फिर उन्हें हिंसा के लिए उकसा रही है? मुकेश कुमार के साथ चर्चा में हिस्सा ले रहे हैं-बालकरन ब्रार, अनिल त्यागी, पुष्पेंद्र सिंह, अनिला सिंह और शरद गुप्ता
क़रीब साढ़े तीन घंटे की बैठक का नतीजा क्या रहा क्या? मोदी सरकार मौजूदा गतिरोध को तोड़ पाने की दिशा में आगे बढ़ पाए? बैठक में हिस्सा लेने वाले 14 नेता बातचीत से कितना संतुष्ट हैं? और क्या उन्हें उम्मीद है कि दिल्ली कश्मीर समस्या का समाधान निकालने को लेकर गंभीर है?
काँग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू की बग़ावत अब अनुशासन की हदें पार करती जा रही है। वे अमरिंदर पर लगातार हमले कर रहे हैं, उन्हें झूठा बता रहे हैं। सवाल उठता है कि ठीक चुनाव के पहले काँग्रेस इस सबको बर्दाश्त क्यों कर रही है और उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है?
असम के विख्यात आंदोलनकारी और विधायक अखिल गोगोई को एनआईए की विशेष अदालत द्वारा यूएपीए (ग़ैर क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के एक मामले से मुक्त किया जाना बताता है कि उन्हें बदनीयत से फँसाया गया था।
प्रशांत किशोर का कहना है कि तीसरा-चौथा मोर्चा का फॉर्मूला पुराना पड़ चुका है तो फिर नया फॉर्मूला क्या होगा? कैसे बनेगा बीजेपी के विरोध में विपक्षी दलों का मोर्चा?
नीतीश ने चिराग पासवान से विधानसभा चुनाव का बदला ले लिया है। उनको उन्हीं के चाचा पशुपति पारस ने हाशिए में ढकेल दिया है। सवाल ये है कि क्या चिराग का राजनीतिक करियर अंधकार में खो जाएगा या मोदी-शाह उन्हें रौशनी देंगे?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वसरमा ने मुसलमानों को ही परिवार नियोजन की सलाह क्यों दी? क्या ये इस्लामोफ़ोबिया के ज़रिए सांप्रदायिकता फैलाने के उनके अभियान का हिस्सा है?
पिछले एक महीने से दिल्ली-लखनऊ में जंग छिड़ी हुई थी। लगता है कि संघ के बीच-बचाव से युद्ध विराम हो गया है। मगर सवाल ये है कि इस जंग में कौन जीता और ये युद्ध विराम किन शर्तों पर हुआ है?
अरसे बाद पहली बार टीका नीति पर सुप्रीम कोर्ट तनकर खड़ा हुआ है और उसने मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया है। लेकिन क्या वह बड़े टकराव के लिए तैयार है? सुप्रीम कोर्ट बार कौंसिल के पूर्व अध्यक्ष दुष्यंत दवे से बातचीत