बीजेपी के एक के बाद एक नेताओं के बयान क्यों आ रहे हैं कि संविधान बदलने के लिए 400 सीटें चाहिए? क्या संघ-बीजेपी संविधान बदलना चाहती है, और यदि हाँ तो क्यों?
पश्चिमी यूपी में आख़िर बीजेपी के कोर वोटर या समर्थक ही क्यों नाराज़ हैं? क्या इनकी नाराजगी से भाजपा के लिए मुश्किल स्थिति हो गई है? क्या पूरे प्रदेश में इसका ग़लत संदेश जाएगा?