पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।
खाड़ी के देशों की तल्ख़ी के बाद भारत सरकार को क्यों बयान देना पड़ा? कोरोना की आड़ में कौन लोग इस्लामोफोबिया फैला रहे हैं? मीडिया के एक वर्ग को कब शर्म आयेगी?
मुरादाबाद, इंदौर और तब्लीग़ के बहाने मुसलमानों पर निशाना क्या सही है? और क्या रासुका लगा कर मज़हबी पागलपन पर क़ाबू पाया जा सकता है? आशुतोष के साथ चर्चा में - ज़फ़र सरेसवाला, पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह और आलोक जोशी।
लॉकडाउन बढ़ाने का मोदी का फ़ैसला सही या ग़लत? आखिर क्यों बढ़ाना पड़ा लॉकडाउन? क्या ग़रीब बे-बीमारी नहीं मारा जायेगा? आशुतोष के साथ चर्चा में आलोक जोशी, विजय त्रिवेदी, रामदत्त त्रिपाठी।
कब बढ़ेगा लॉकडाउन? क्या कम्यूनिटी ट्रांसमिशन के चरण में पहुँच गया कोरोना? और क्यों निजी लैब नहीं करना चाहती मुफ़्त में कोरोना टेस्ट? देखिए आशुतोष की बात।
कोरोना का संकट तो देर-सबेर टल ही जाएगा। हो सकता है लाखों या फिर करोड़ों लोगों की जान लेकर ही कोरोना देवी का ग़ुस्सा शांत हो। लेकिन क्या कोरोना के बाद की दुनिया वैसे ही रहेगी जैसी कोरोना के पहले थी?
एक बार फिर मॉब लिंचिंग। दिल्ली में एक मुसलिम लड़के पर जानलेवा हमला। कोरोना फैलाने की साज़िश का आरोप लगाया। तब्लीग़ी की आड़ में जिस तरह से मुसलिम समुदाय पर निशाना दक्षिणपंथी तबक़ा और मीडिया कर रहा है, क्या ये उसकी नतीजा है? देखिए आशुतोष की बात।
पिछले महीने मोदी ने देश से 21 दिन माँगे थे कोरोना को हराने के लिये। पर क्या 21 दिन में वो कोरोना को हरा पाये? क्यों नहीं हरा पाये? क्यों कोरोना को रोकने के लिये लॉकडाउन को बढ़ाना पड़ेगा? देखिए आशुतोष की बात।
ट्रंप के पास क्लोरोक्वीन का भंडार है! फिर वो भारत को धमकी क्यों दे रहे हैं? क्या अमेरिका को भारत की परवाह नहीं है? क्या मोदी सरकार को अमेरिका को क्लोरोक्वीन देना चाहिये? देखिए आशुतोष की बात।
तब्लीग़ी के मौलाना साद ग़लती मानने को तैयार नहीं हैं। उनका जवाब आया है। वे इसे साज़िश क़रार दे रहे हैं। कह रहे हैं कि तब्लीग़ी को बदनाम किया जा रहा है। अपनी बेवक़ूफ़ी की वजह से हज़ारों लोग की जान जोखिम में डालने वाले इस शख़्स को कब अक़्ल आयेगी? देखिए आशुतोष की बात।
कोरोना वायरस और उसके साथ जुड़ी आशंकाओं पर हर रोज़ तरह तरह की नई बातें और नए सवाल सामने आ रहे हैं। अभी तक माना जा रहा है कि भारत ने वक्त रहते कदम उठाकर अपने लोगों को काफ़ी हद तक सुरक्षित कर लिया है। लेकिन पिछले दिनों एक ही कांड ऐसा हो गया जो लगातार भयावह स्वरूप लेता जा रहा है। ऐसे में क्या सवाल उठते हैं और क्या समाधान दिखते हैं इसपर एक ख़ास बातचीत आशुतोष और शीतल के साथ।
क्या अर्थव्यवस्था बचाने कि लिये लॉकडाउन हटा लेना चाहिए? किससे ज़्यादा नुक़सान होगा, कोरोना से या लॉकडाउन से? आख़िर कितनी बदहाल होगी अर्थव्यवस्था? CNBC Awaaz के पूर्व सम्पादक आलोक जोशी से बात की आशुतोष ने।
सरकार ने क्यों सु्प्रीम कोर्ट से कहा कि वो आदेश दे कि मीडिया कोरोना पर खबर बिना सरकार से कंफर्म किये न चलाये? क्या ये ख़बरों को सेंशर करने की कोशिश नहीं थी? आख़िर सरकार क्यों मीडिया पर कंट्रोल चाहती है? देखिए आशुतोष की बात।
तबलीग ए जमात का अपराध माफी के लायक नहीं है। कड़ी क़ानूनी कार्रवाई हो। लेकिन कोरोना में भी हिंदू मुसलमान करने वाले लोग कौन हैं? क्यों मीडिया का एक वर्ग ज़हर फैलाने में लगा है? देखिए आशुतोष की बात।
अमेरिका जर्मनी, ब्रिटेन, स्पेन कोरोना से लड़ने के लिये अपनी बजट का 10 से 15 फ़ीसदी खर्च कर रहे हैं । सरकार का पैकेज सिर्फ 0.9 फ़ीसदी ही है । क्या ऐसे निपट पायेंगे कोरोना कहर से ?
हम भारतीय बड़े ख़ुशक़िस्मत हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। मैं यह इसलिए नहीं कह रहा हूँ कि मैं कोई मोदी का भक्त हूँ। मैं इसलिए कह रहा हूँ कि मोदी जी ग़रीबी में पले और बड़े हुए हैं।
मोदी सरकार क्यों कोरोना से निपटने में पिछड़ गयी ? उसकी लापरवाही कहीं देश को मंहगा न पड़े ? दक्षिण कोरिया ने कैसे और किस तरह बिना लाकडाउन किये कोरोना पर क़ाबू पाया ! काश मोदी सरकार दक्षिण कोरिया से सबक लेते !
बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। कनिका के ख़िलाफ़ लखनऊ में एफ़आईआर दर्ज कर ली गई है। कनिका को खलनायिका की तरह पेश किया जा रहा है लेकिन सवाल यह भी है कि प्रधानमंत्री मोदी की सोशल डिस्टेंसिंग की अपील के बाद भी वसुंधरा राजे पार्टी में क्यों गईं? सुनिए, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष का विश्लेषण।
कमलनाथ ने बहुमत साबित करने के बजाए इस्तीफ़ा दे दिया। अब बीजेपी की सरकार बनना तय है। लेकिन सवाल है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? शिवराज सिंह के साथ ही नरेंद्र सिंह तोमर और नरोत्तम मिश्रा इसकी दौड़ में शामिल हैं? तो शिवराज के नाम पर सहमति क्यों नहीं? क्या उनका पत्ता काटा जाएगा? देखिए आशुतोष की बात में वरिष्ठ पत्रकार विजय त्रिवेदी के साथ चर्चा।
पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई ने गुरुवार को राज्यसभा के सदस्य के तौर पर शपथ ली। गोगोई के शपथ लेते वक्त कांग्रेस सांसदों ने शर्म करो-शर्म करो के नारे लगाये। गोगोई को राज्यसभा के लिये मनोनीत किये जाने के बाद से ही अदालती महकमे और सियासी गलियारों में कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। क्या गोगोई का शपथ लेना न्यायपालिका के लिये ख़तरा है? सुनिये, क्या कहा वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने।
क्या प्रधानमंत्री की इस बात पर भरोसा करें कि एनआरसी को लेकर उनके कार्यकाल में कोई चर्चा ही नहीं हुई है या गृह मंत्री अमित शाह की इस बात पर भरोसा करें कि एनआरसी लागू होकर रहेगा। फिर मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में क्यों कहा कि एनआरसी लागू करना हर संप्रभु देश का अधिकार है। सुनिए, क्या कहते हैं वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष।