पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।
अमेरिका में तीन महीने से रह रहे प्रसिद्ध चिंतक प्रो. पुरुषोत्तम अग्रवाल से बातचीत। अमेरिका में क्यों हो रहे हैं दंगे जबकि कोरोना से मर रहे हैं लोग! देखिए आशुतोष की बात।
रिजर्व बैंक ने भी मान लिया है कि लिया कि मौजूदा वित्तीय साल में भारत की विकास दर नकारात्मक रहेगी। अब सवाल ये है कि मोदी सरकार इस संकट से निपट पायेगी या नहीं?
देश में लॉकडाउन को लगे दो महीने हो रहे हैं। इन दो महीनों में क्या कोरोना से लड़ाई में देश जीता या हारा, यह सवाल उठना चाहिये। और अगर संकट बढ़ा है तो क्यों और कौन इसके लिये ज़िम्मेदार है?