पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।
पंजाब के अजनाला कांड ने देश भर में खलबली मचा दी है । लोग अमृतपाल की तुलना भिंडरावाले से करने लगे हैं और ये आशंका जता रहे हैं कि क्या पंजाब फिर दहशतगर्दी की तरफ़ बढ़ रहा है ? क्यों केंद्र और पंजाब सरकार कारगर कदम नहीं उठा पाई ? आशुतोष ने पंजाब के हालात को जानने के लिये पंजाब के बहुत ही सम्मानित पत्रकार कंवर संधू से बात की।
पंजाब के अजनाला में पुलिस थाने पर हमला । पुलिस का अमृतपाल सिंह के सामने सरेंडर । इसके साथी तूफ़ान को छोड़ना । क्या एक बार फिर पंजाब में आतंक सिर उठा रहा है ? क्या आप चरमपंथियों को दबाने में नाकामयाब है ? क्यों अमृतपाल पर कार्रवाई नहीं कर पा रही है आप सरकार?
कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा को हवाई जहाज़ से उतार कर गिरफ़्तार किया गया । ये काम किया असम की पुलिस ने । क्यों किया गिरफ्तार ? क्या ये मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी बर्दास्त नहीं लेकिन विपक्ष को जी भर कर गाली दी जा सकती है ? क्या ये लोकतंत्र है या अघोषित आपात काल?
नीतीश कुमार ने पहले कहा कि विपक्ष एक हो जाये तो बीजेपी की सीटें 100 से नीचे जा सकती हैं । अब कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विपक्ष 2024 में बीजेपी को हरा सकता है । क्या ऐसा हो सकता है ? अमित शाह तो कह रहे हैं कि 2024 में मोदी का कोई मुक़ाबला नहीं है
पहले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड। फिर स्मृति ईरानी और अब विदेश मंत्री जयशंकर । क्यों बीजेपी को सता रहा है विदेशी हाथ ? क्यों वो अड़ानी, बीबीसी फिल्म और जार्ज सोरोस में देख रहे हैं विदेशी साजिश ? क्या यही होगा बीजेपी का 2024 चुनाव का सबसे बड़ा नारा और मुद्दा ? क्या बीजेपी वाकई नर्वस है?
चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना माना । उद्धव ठाकरे को करारा झटका । लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला बाक़ी है । एकनाथ शिंदे के सिर पर तलवार लटक रही है । महाराष्ट्र के बड़े अख़बार लोकसत्ता के संपादक गिरीश कुबेर का मानना है कि शिंदे की वजह से बीजेपी की दिक़्क़तें बढ़ेंगी । और 2024 के चुनाव में बीजेपी को भारी दिक्कत होगी ।
मोदी सरकार के खिलाफ पहले बीबीसी की फिल्म । फिर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट और अब जार्ज सोरोस के बयान । क्या ये एक अंतरराष्ट्रीय साजिश है या मुद्दों से बचने के लिये बहाना ? क्या है हकीकत ?
क्या मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने की कोई अंतरराष्ट्रीय साज़िश रची जा रही है ? क्या विख्यात अमेरिकी उद्योगपति जार्ज सोरोस इस साजिश के रचयिता है ? क्यों मोदी के मंत्री सोरोस के बयान पर भड़क उठी ? आशुतोष के साथ चर्चा में यशोवर्धन आजाद, दिनेश द्विवेदी, विनय तिवारी, एम के वेणू और आलोक जोशी ।
अमित शाह ने कहा कि 2024 में मोदी को कोई चुनौती नहीं है ? क्या वाक़ई में ऐसा है ? क्या विपक्ष कोई लड़ने के मूड में है ? आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद अग्निहोत्री, उत्कर्ष सिन्हा, पूर्णिमा त्रिपाठी और समी अहमद
बीबीसी आफिस में आयकर का सर्वे लगातार दूसरे दिन । क्या है कहानी ? जबकि अड़ानी के खिलाफ बेहद गंभीर आरोप के बाद भी सरकारी संस्थाओं का रवैया साफ नहीं ! क्या सरकार बीबीसी पर गरम और अड़ानी पर नरम है ?
बीबीसी के आफिस में आयकर के अधिकारी । घंटों चला सर्वे । गुजरात फ़िल्म की सजा या टैक्स चोरी? आशुतोष के साथ चर्चा में राहुल देव, शिवकांत शर्मा, अरविंद सिंह, गुरदीप सप्पल
संसद स्थगित हो गई । एक महीने के बाद फिर बैठेगी । लेकिन ये सत्र अड़ानी मसले पर सरकार और विपक्ष के बीच घमासान के तौर पर याद रखा जायेगा । एक सवाल क्या विपक्ष को बोलने भी नहीं दिया जायेगा ? क्यों राहुल और खडगे के भाषण के अंश को हटाया गया ? तो क्या सरकार और विपक्षों बीच पूरी तरह से संबंध विच्छेद हो गया है और क्या ये लोकतंत्र के लिये सही है ? आशुतोष के साथ चर्चा में गौतम लाहिड़ी, विनय तिवारी,
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Economist पत्रिका ने अड़ानी मामले पर कवर स्टोरी लिखी है । कवर पर मोदी और अड़ानी की तस्वीर छापा है । अंतरराष्ट्रीय मीडिया में क्या भारत की छवि बिगड़ रही है ? अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएं भी अड़ानी पर नकारात्मक रुख़ दिखा रही है ? क्या होगा असर भारत पर और भारतीय अर्थव्यवस्था पर ?
संसद में चर्चा हो गयी । कांग्रेस समेत विपक्ष ने मुद्दा उठाया, मोदी को घेरा, पीएम ने जवाब नहीं दिया । विपक्ष मुद्दे को चुनाव तक खींचने की फ़िराक़ में । क्या इस मुद्दे से मोदी को होगा नुकसान ?
राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी का भाषण । भाषण के दौरान लगातार विपक्ष की नारेबाज़ी । प्रधानमंत्री का झुँझलाना और नेहरू गांधी परिवार पर निजी हमले करना क्या प्रमाण नहीं है कि वो अपने को फंसा महसूस करते हैं ? क्या वो विपक्ष के हमलों से बौखला गये हैं ?
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोले पीएम । कांग्रेस पर हमला किया लेकिन अड़ानी के सवालों से कन्नी काट गये । क्यों ? क्या जवाब नहीं था या फिर बोलना नहीं चाहते थे ? आशुतोष के साथ चर्चा में नीरजा चौधरी, विनोद अग्निहोत्री, संजीव कुमार सिंह और विजय त्रिवेदी ।
राहुल गांधी ने लोकसभा में मोदी सरकार पर ज़ोरदार हमला बोला । उन्होने आरोप लगाया कि अडानी को मोदी सरकार का वरदान प्राप्त है और यही कारण है कि पिछले नौ सालों में उन्होंने अविश्वसनीय प्रगति की है ? क्या राहुल वाक़ई में अड़ानी को मुद्दा बनाने में कामयाब हो रहे हैं?
अडानी मामले पर विपक्ष हमलावर है । संसद फिर नहीं चली । सड़क पर कांग्रेस ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है । उधर, शेयर बाज़ार में भी झटका लगता रहा ? क्या ये मोदी के लिये गले की हड्डी बन गया है ! आशुतोष के साथ चर्चा में विनोद शर्मा, प्रिया सहगल, पूर्णिमा त्रिपाठी, राजीव रंजन सिंह और शिवकांत ।
अडानी पर राहुल गांधी लगातार तीखे हमले कर हैं । लेकिन जब से ये मामला सामने आया है तब के वो चुप हैं ? क्यों ? उधर सेबी ने पहली बार मुँह खोला है । वित्त मंत्री भी बोली लेकिन किसी ने अडानी का नाम नहीं लिया । क्यों ?
अडानी मामले में पहली बार बोली मोदी सरकार । लेकिन अभी भी चुप है प्रधानमंत्री मोदी ? विपक्ष फिर हमलावर । अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अड़ानी अलग थलग पडे । क्या होगा असर इस संकट का भारतीय अर्थव्यवस्था पर ? क्या सरकार ने अड़ानी को अकेला छोड़ दिया ?
अडानी की वजह से मुसीबत में फँस गयी है मोदी सरकार । संसद में विपक्ष का हंगामा । सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई में जाँच या फिर जेपीसी जाँच की माँग की विपक्ष ? क्या सरकार मानेगी विपक्ष की माँग ? क्या मोदी सरकार की ये सबसे बड़ी मुसीबत है ?
मोदी का 2024 के चुनाव के पहले का आख़िरी बजट । चुनाव जीतने के हथकंडे या फिर विकास को तेज़ी देगा बजट ? क्या से बजट रिफार्म लेकर आयेगा या फिर छलावा ज़्यादा है ? आशुतोष के साथ चर्चा में प्रो संतोष मेहरोत्रा, कार्तिकेय बत्रा, मधुरेंद्र सिन्हा और हरजिंदर ।
अडानी पर हिंडनबर्ग के गंभीर आरोप । अडानी के जवाब पर हिंडनबर्ग ने कहा कि तिरंगे में लिपट कर सुनियोजित तरीक़े से अडानी ने की लूट । इस मामले में आम आदमी पार्टी और KCR की BRS ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार किया । आप सांसद संजय सिंह ने पीएम को चिट्ठी लिख जाँच की माँग की है ।
पठान फ़िल्म की कामयाबी क्या महज एक फ़िल्म की कामयाबी है या फिर उस नैरेटिव का जवाब है जो समाज में धर्म की ठेकेदारी कर रहे हैं या जो नफ़रत की दुकान चला रहे हैं ? अब सूचना प्रसारण मंत्री फ़िल्म बहिष्कार संस्कृति की निंदा कर रहे हैं और भारतीय फ़िल्मों के साफ्ट पावर का ज़िक्र कर रहे हैं ? पहले क्यों नहीं किया दखल ?
BBC की फिल्म के क्या मोदी को नुक़सान होगा ? क्या छवि ख़राब होगी ? क्या अंतरराष्ट्रीय मंच पर उनकी प्रतिष्ठा पर धक्का लगेगा ? या फिर इस विडियो से मोदी की हिंदू नेता की छवि और मज़बूत होगी ? हिंदू वोट और मज़बूत होगा ?