दिल्ली आबकारी केस मामले में दो साल से ज्यादा की मुस्तैदी के बावजूद ईडी अभी तक पैसे के लेन-देन का कोई प्रमाण क्यों नहीं ला पाई है? और चुनावी बॉन्ड की जानकारी सामने आने के दिन ही केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों?
प्रधानमंत्री मोदी को जब चुनाव में '400 पार' के नारे और 50 फ़ीसदी वोट पर विश्वास है तो फिर हर रोज का नया तिकड़म क्यों हो रहा है? कहीं कुछ और बड़ी वजह तो नहीं?
केंद्र सरकार ने ग़रीबी घटने के बड़े दावे किए हैं, लेकिन क्या यह पता है कि यह कैसे हुआ? क्या ग़रीबी रेखा के बारे में जानकारी है? क्या पता है कि प्रतिदिन कितने ख़र्च को आधार बनाया गया है?
मोदी सरकार श्वेतपत्र यूपीए सरकार पर ले आई तो कांग्रेस ने ब्लैकपेपर पेश किया। आख़िर इनके मायने क्या थे और क्या सच में किसके शासन में अर्थव्यवस्था ठीक रही?
नीतीश कुमार के पाला बदलने के बाद क्या राम मंदिर का मुद्दा अब चर्चा से गायब हो गया है? आख़िर नीतीश कुमार से बीजेपी को क्या फायदा होगा और क्या नीतीश को भी कुछ फायदा मिल पाएगा?
गांधी जिन वजहों से पश्चिमी सभ्यता को शैतानी कहते थे उनमें पश्चिम का अंध उपभोग भी एक बड़ा कारण था। यही पश्चिम अब गांधी के तौर-तरीकों जैसी मांग क्यों उठा रहा है?
राजनीति में क्या मुसलमानों के लिए अब जगह कम होती जा रही है? आज की भाजपा और सरकार अटल-आडवाणी वाले दौर से भी आगे निकल गई। तो बाक़ी दलों में क्या स्थिति है?
वैधता पर सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला आ गया तो इस पर सवाल नहीं उठने चाहिए। लेकिन क्या अब तक सरकार की तरफ़ से ही कोई यह कहने की स्थिति में है कि नोटबंदी का फ़ैसला अच्छा था? कोई भी फ़ायदा गिनाया जा सकता है?
शिक्षा की हालत सुधर रही है या ख़राब हो रही है? दिल्ली में शिक्षा के हालात पर राजनीति क्यों है? असम में स्थायी शिक्षकों के पद ख़त्म क्यों किये जा रहे हैं?
दुनिया भर में महंगाई बढ़ रही है और इसका असर राजनीति पर भी पड़ रहा है। जानिए, आख़िर अमेरिका कैसे निपट रहा है और ब्रिटेन के दो प्रधानमंत्रियों ने कैसे निपटने की कोशिश की। भारत इनसे सबक़ लेगा?
क्या गुजरात चुनाव में इस बार बीजेपी की हालत ख़राब है? क्या कांग्रेस और आम आदम पार्टी बीजेपी के लिए कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं? जानिए, प्रधानमंत्री मोदी के आज के बयान के मायने क्या हैं।
वित्त मंत्री और सरकार के लोग चाहे जो दावे करें विदेश व्यापार का बढ़ता आकार और उससे भी ज्यादा तेजी से बढ़ता घाटा अर्थशास्त्र के सारे जानकारों को चिंतित किए हुए है।
क्या भारत में जिस दर से आबादी बढ़ रही है वह चिंता का विषय है? जब ऐसी रिपोर्टें आ रही हैं कि देश में आबादी बढ़ने की दर अब उतनी हो गई है जहाँ जनसंख्या स्थिर हो जाती है तो फिर इस पर इतनी चिंताएँ क्यों हैं?
स्पेनिश फ्लू हो या विश्व युद्ध, जब भारत में जनगणना का काम तब नहीं रुका तो कोरोना को कारण बता अब इसे क्यों रोका गया है? 2019 में तय समय पर जनगणना कार्य क्यों शुरू नहीं हुआ तब तो कोरोना आया ही नहीं था?