हरिद्वार में आयोजित हुई धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती और भड़काऊ बयानबाज़ी की गई। बीजेपी में किसी ने इसकी निंदा नहीं की और प्रधानमंत्री मोदी ने भी मुगल शासन को लेकर तमाम बातें कहीं।
पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर हुए अत्याचार के ख़िलाफ़ वहां की सरकारों ने सख़्ती दिखाई है लेकिन भारत इस मामले में पीछे क्यों दिखता है।
केनोशा में पिछले साल हुए नस्लभेद विरोधी प्रदर्शन के दौरान दो लोगों की हत्या के अभियुक्त काइल रिटेनहॉउस को रिहा कर दिए जाने से क्या अमेरिका में नस्लवाद और बढ़ेगा?
योगेंद्र यादव पर यह कार्रवाई लखीमपुर खीरी की हिंसा में मारे गए बीजेपी के एक कार्यकर्ता के घर जाने पर हुई है। यादव को एक महीने के लिए निलंबित किया गया है।
जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ दिनों में कई लोगों की हत्या कर दी गई है। श्रीनगर में माखन लाल बिंदरू की हत्या के दो दिन बाद ही आतंकवादियों ने दो शिक्षकों की हत्या कर दी थी।
महात्मा गांधी का इस्तेमाल क्या सरकारों ने अपने-अपने तरीक़े से नहीं किया है? राज्यों ने क्या गांधी की एक ऐसी सरलीकृत छवि निर्मित नहीं की है जो किसी के लिए असुविधाजनक नहीं रहे?
किस तरह के सकारात्मक रवैए की अपेक्षा की जाती है? प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर एक दिन में 2.5 करोड़ टीके लगने से पहले और बाद में 50-60 लाख ही टीके लगाया जाना कैसी सकारात्मकता है और केरल में ईसाई-मुसलमान सद्भाव की बात करना कैसी सकारात्मकता?
इमा राडुकानू की यूएस ओपन में जीत पर चार-चार मुल्कों में तालियाँ बज रही हैं। इमा आप्रवासी हैं। उन्होंने ब्रिटेन को 44 साल बाद यह ट्रॉफी दिलाई है। यह जीत ऐसे समय में आई है जब इंग्लैंड की गृह मंत्री आप्रवासियों को वापस धकेलने की बात कह रही हैं।
नसीरुद्दीन शाह ने तालिबान का समर्थन करने वाले भारतीय मुसलमानों को संदेश दिया। उन्होंने हिंदुस्तानी इस्लाम और दुनिया के बाक़ी हिस्सों के इस्लाम के बीच फर्क बताया है। आख़िर उनके बयान पर विवाद क्यों है?
हज़ारों अफ़ग़ानिस्तानी अपना देश छोड़ कर कहीं और पनाह लेना चाहते हैं। अभी जब अफ़ग़ानिस्तान के लोग त्राहिमाम करते हुए पूरी दुनिया से शरण मांग रहे हैं तो उसकी प्रतिक्रिया क्या है?
तालिबान के पहले बयानों में जनतंत्र को ठुकरा दिया गया है। हम जो न तो राज्य हैं, न विशेषज्ञ, हम तालिबान को जनतांत्रिक, मानव अधिकार के उसूलों की कसौटी पर ही परखेंगे।