विपक्ष शासित राज्यों के मुख्यमंत्री आखिर क्यों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बेरूखी भरा व्यवहार कर रहे हैं? क्या इसके लिए प्रधानमंत्री ही जिम्मेदार हैं?
पिछले सात-आठ वर्षों में देश में जातीय और सांप्रदायिक नफरत, तनाव और हिंसा की कैसी स्थिति है? क्या लोगों के बीच खाई और चौड़ी नहीं हुई है? आर्थिक हालात कैसे हैं और विदेश नीति का क्या हाल है?
महाराष्ट्र में चल रहे अजान, हनुमान चालीसा विवाद के बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या राज ठाकरे बीजेपी के इशारे पर यह सब कर रहे हैं? और अगर हां तो क्या बीजेपी को इससे कोई फायदा होगा?
दिल्ली हाई कोर्ट ने अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा और उमर खालिद के मामले में बीते दिनों में कुछ टिप्पणियां की हैं, क्या ये टिप्पणियां न्याय व्यवस्था के चाल, चरित्र और चेहरे में आ रहे चिंताजनक बदलाव का संकेत हैं?
जहांगीरपुरी में बुलडोजर की कार्रवाई को लेकर जब सवाल उठे तो आम आदमी पार्टी ने रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुसलमानों का राग क्यों अलापा? क्या अरविंद केजरीवाल की राजनीति भी हिंदुत्व की होकर रह गई है?
पूर्वोत्तर से लेकर उत्तर प्रदेश और कई राज्यों में दूसरे दलों से आए नेताओं को बीजेपी में बड़े पद मिल रहे हैं। क्या इससे पार्टी के पुराने नेताओं में किसी तरह की बेचैनी है?
मोदी सरकार और बीजेपी पर नेहरू-गांधी परिवार को अपमानित करने और पूर्व की सरकारों के खिलाफ आपत्तिजनक अभियान चलाने के आरोप लगते हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का यह कहना कि उनकी पार्टी सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का सम्मान करती है यह बात गले से नीचे नहीं उतरती।
'वर्ल्ड हैपिनेस रिपोर्ट’ यानी 'वैश्विक प्रसन्नता सूचकांक-2022’ में भारत को इस बार 136वां स्थान मिला है। 146 देशों में भारत का स्थान इतने नीचे है, जितना अफ्रीका के कुछ बेहद पिछड़े देशों का है।
उत्तर प्रदेश, पंजाब सहित पांचों राज्यों के चुनावी नतीजों का संदेश क्या है? देश की राजनीति में किन मुद्दों को लोगों ने पसंद किया? क्या महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे मुद्दे हैं?
विधानसभा चुनाव नतीजों के बाद बीजेपी के 'मास्टर स्ट्रोक’ से बचने की तैयारी में कांग्रेस जुटी है, लेकिन क्या वह विधायकों को अपने पाले में बरकरार रख पाएगी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों लगातार आपातकाल की याद दिला रहे हैं लेकिन आपातकाल के दौरान जिस तरह के दावे वे खुद के बारे में करते रहे हैं क्या वे सच हैं?
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं। इन राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन इस बात को तय करेगा कि वह विपक्षी एकता की अगुवाई कर पाएगी या नहीं?
देश आज 73वां गणतंत्र दिवस मना रहा है तो क्या यह नहीं पूछा जाना चाहिए कि आज़ादी के समय देखे गए सपनों पर कितना खरा उतरे हम और क्या उन सपनों का भारत बना पाए?
कोरोना की दूसरी लहर के बाद धीरे-धीरे दूसरी सभी गतिविधियाँ शुरू हो गईं तो फिर जनगणना का काम शुरू क्यों नहीं हो सका है? इसके बिना सरकार अपनी नीतियां और जनकल्याणकारी योजनाएं कैसे बनाएगी?
आजादी के अमृत महोत्सव मना रहे पीआईबी की एक पाक्षिक पत्रिका 'न्यू इंडिया समाचार’ में चैतन्य महाप्रभु, स्वामी विवेकानंद और रमण महर्षि के बारे में ग़लत तथ्य कैसे प्रकाशित हो गए?
चीन के साथ सीमा विवाद का मसला फिर से सुर्खियों में क्यों है? चीन ने सीमा क्षेत्र में जगहों के नाम क्यों बदले हैं? क्या चीन लद्दाख के बाद अरुणाचल क्षेत्र में अपनी स्थिति मज़बूत करने मे जुटा है?
क्या भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की कोशिश हो रही है? हरिद्वार की धर्म संसद की तरह कई जगहों पर भड़काऊ भाषण दिए जा रहे हैं, ये भारत की धर्मनिरपेक्षता के लिए गंभीर ख़तरा है।
राज्यों में राज्यपालों की भूमिका अब बेहद विवादस्पद क्यों हो गई है? महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड जैसे राज्यों में राज्यपाल के फ़ैसले पर सवाल क्यों उठते हैं?