संसद मार्ग थाने के पास खुलेआम भड़काऊ नारेबाज़ी। दिल्ली में आग लगाने की कोशिश। भावनाएं भड़काने वालों के चेहरे भी साफ हैं। फिर दिल्ली पुलिस के हाथ क्यों बंधे हैं?
फ़्यूचर ग्रुप के प्रमोटर किशोर बियानी ने अपना पूरा रिटेल और कुछ होलसेल कारोबार रिलायंस रिटेल को बेचने का जो सौदा किया था, सुप्रीम कोर्ट ने उसपर रोक लगा दी है।
राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम बदला गया। मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार पर सवाल क्यों? क्या ध्यानचंद के नाम पर राजनीति कर रही है मोदी सरकार? आलोक जोशी के साथ अलका लांबा, अशोक वानखेड़े, सतीश के सिंह, अकु श्रीवास्तव औऱ हिमांशु बाजपेई।
हॉकी स्टार वंदना कटारिया के परिवार से जातिवादी गाली गलौज। ओलंपनिक में हैटट्रिक लगाने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी। ऐसे ही मिलेगा खेलों को बढ़ावा? कहां है सबका साथ और सबका विकास? आलोक जोशी के साथ रविकांत, सुजाता, नवीन जोशी, सतीश के सिंह और हिमांशु बाजपेई।
कोआखिरकार सड़क पर उतरे अखिलेश यादव। उत्तर प्रदेश में विरोध प्रदर्शन और साइकिल रैलियों का एलान। क्या इससे योगी सरकार को मुश्किल होगी? आलोक अड्डा में शरत प्रधान, वीरेंद्र नाथ भट्ट और अंबरीश कुमार के साथ आलोक जोशी। Will Akhilesh Yadav pose a challange for Yogi Adityanath's regime
MBBS, MD और MS से लेकर डिप्लोमा तक सारे मेडिकल कोर्सों में पिछड़ी जातियो यानी OBC के लिए सत्ताइस परसेंट और आर्थिक कमजोर वर्ग यानी ईडब्लूएस के लिए दस परसेंट कोटे का एलान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है। क्या यह दबाव का नतीजा है, या फिर बीजेपी अब मंडल की तर्ज पर नया कार्ड चल रही है? आलोक अड्डा में उर्मिलेश, आशुतोष, दिलीप मंडल और और रविकांत के साथ आलोक जोशी
राष्ट्रीय लोकदल ने भाईचारा सम्मेलनों का सिलसिला शुरू करने का एलान किया। क्या फर्क पड़ेगा पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति पर? क्या जाट और मुस्लिम साथ आ पाएंगे? क्या यह ब्राह्मण सम्मेलनों का जवाब भी है? आलोक जोशी के साथ विनोद अग्निहोत्री, यूसुफ अंसारी, हरिशंकर जोशी, पुष्पेंद्र सिंह और अंबरीश कुमार।
महँगाई के नए आँकड़े आ गए हैं। जून महीने में महँगाई बढ़ने की दर यानी मुद्रास्फीति की दर में मामूली गिरावट दर्ज हुई है। मई में यह दर 6.3% थी, जबकि जून में घटकर 6.26% हो गई है।
ऑनलाइन रिटेल या ई कॉमर्स कारोबार में हंगामा मचा हुआ है। एमेजॉन और फ्लिपकार्ट से लेकर रिलायंस के जियो मार्ट और टाटा के बिग बास्केट तक परेशान हैं। यह लिस्ट और लंबी है।
कोरोना से बुरी तरह मार खाई हुई अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपए का नया पैकेज लाने का एलान किया है।
कोविड-19 महामारी के बाद की कमज़ोरी दूर होने का नाम ही नहीं ले रही। शरीर पर असर हो, हमारे काम धंधों पर असर हो या देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था पर। सबसे बड़ा संकट तो रोज़गार के बाज़ार में दिख रहा है।
महुआ मोइत्रा ने अडाणी की कंपनियों के शेयरों में आए असाधारण उछाल, उनमें विदेश से आई रकम, इस रकम को लाने वाले विदेशी निवेशकों और इस रकम के मूल स्रोत पर सवाल उठाए हैं।
अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बाद समूह ने सफाई दी कि जिस खबर की वजह से उनके शेयरों में गिरावट आई थी वो खबर ही सही नहीं थी। इसके बाद गिरावट न सिर्फ थम गई बल्कि कई शेयर काफी सुधरकर बंद हुए।
मई में ही अप्रैल महीने के लिए थोक महंगाई का जो आँकड़ा आया उसमें महंगाई बढ़ने की दर ग्यारह साल की नई ऊंचाई पर दिख रही है। पिछले साल के मुक़ाबले साढ़े दस परसेंट ऊपर।
सरकार के दावों पर और अख़बारों के पहले पन्नों पर यक़ीन करें तो कोरोना की दूसरी लहर भी अब ख़त्म होने को है। सवाल पूछा जाने लगा है कि बाज़ार कब खुलेंगे, कितने खुलेंगे? हम कब बाहर निकल कर खुले में घूम पाएँगे?
सुप्रीम कोर्ट जाकर अपने लिए खास परमिशन ले आए कि लॉकडाउन न लगाना पड़े। लेकिन हारकर आख़िरकार उन्हें भी लॉकडाउन ही आख़िरी रास्ता दिखता है, कोरोना के बढ़ते कहर को थामने का। महाराष्ट्र ने कड़ाई बरती तो फायदा भी दिख रहा है।
बंगाल में इशारों-इशारों में मोदी ने कैसे कर दिया हिंदू-मुसलिम? मोदी ने चुनाव के बीच हिंदुओं को एकजुट होने को कहा? देखिए वरिष्ठ पत्रकार आलोक जोशी की धारदार चर्चा। Satya Hindi.
वित्त मंत्रालय से ओवरसाइट की रिपोर्ट के बाद यह सवाल हवा में तैर रहा है कि एनएससी, पीपीएफ़ और बाक़ी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर आगे भी बरक़रार रहेगी या फिर पाँच राज्यों के चुनाव ख़त्म होने के बाद फिर कटौती होगी?
ममता बनर्जी ने अनेक गैर बीजेपी नेताओं को चिट्ठी लिखकर कहा है कि बीजेपी देश में एक पार्टी की तानाशाही लाना चाहती है। इसके खिलाफ सबको मिलकर लड़ना होगा। क्या है इसका मतलब?
पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी मुख्तार अंसारी को यूपी ले जाने का आदेश। पंजाब की जेल में क्यों है मुख्तार? वापस लाने को क्यों बेकरार है योगी सरकार? क्या इंसाफ के दरवाज़े पहुंचेगा मुख्तार?
पलायन के दर्द की कहानी है विनोद कापड़ी की फिल्म 1232 Kms. दिल्ली से सहरसा का सफर साइकिलों पर। तकलीफ़ की तो जुबान नहीं होती, लेकिन दर्द को पर्दे पर उतारा जा सकता है।