दाम बढ़ने की वजह यही है कि कंपनियों का ख़र्च बढ़ गया है। और वो भी तब जबकि वो किफायत के सारे रास्ते आजमा चुकी हैं। ऐसे में दाम काबू करने का दबाव शायद बहुत से क़ारोबारों के लिए ख़तरनाक भी साबित हो सकता है।
कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर की गोरखपुर के होटल में मौत। पुलिस ने कहा हत्या नहीं, भागते वक्त मौत हुई। फिर छह पुलिसवालों पर मुकदमा क्यों? यही है अपराध मुक्त उत्तर प्रदेश?
अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के मुखिया अखुंदजादा गायब? ज़िंदा होने पर भी सवाल। मुल्ला बरादर की पिटाई की खबरें। इमरान खान को चिंता कि अफगानिस्तान में गृहयुद्ध हो सकता है। आखिर चल क्या रहा है? कौन चला रहा है अफगानिस्तान की सरकार और किसका पत्ता हुआ साफ? आलोक जोशी के साथ विभूति नारायण राय, लंदन से शिवकांत और पाकिस्तान से उमर अल्ताफ।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार साढ़े चार साल पूरे होने पर सालगिरह जैसा उत्सव मना रही है। शायद पहली बार हो रहा है कि कोई सरकार साढ़े चार साल भी मना रही हो। क्या इसलिए कि चुनाव से पहले वादे याद दिलाए जा सकें? या इसलिए कि चुनाव के वक्त लोगों को वादे याद न आ सकें? आलोक अड्डा में आलोक जोशी के साथ भाजपा के अश्विनी शाही, समाजवादी पार्टी के घनश्याम तिवारी, और वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र नाथ भट्ट।
पेट्रोल डीजल इतना महंगे क्यों है? अधिकतर इसका जवाब जानते होंगे। लेकिन मोदी सरकार पूर्व में कांग्रेस शासन में ऑयल बॉन्ड को इसलिए ज़िम्मेदार क्यों मानती है? इसमें कितनी सच्चाई है?
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने फिर महाराष्ट्र में बाहरी या परप्रांतीय लोगों का मुद्दा छेड़ दिया है। यह कानून व्यवस्था का सवाल है या मराठी वोटों पर निशाना? शिवसेना ने चोला बदला तो क्या करेंगी कॉंग्रेस और एनसीपी? सिर्फ महाराष्ट्र तक रहेगा या उत्तर प्रदेश भी पहुंचेगा उद्धव का यह बाहरी कार्ड?
रबी की एमएसपी वक्त से पहले बढ़ाई गई। क्या दो ढाई परसेंट की यह बढ़त किसानों के लिए खुशखबरी है? अब शांत हो जाएगा किसानोें का गुस्सा? आलोक जोशी के साथ किसान नेता वी एम सिंह, वरिष्ठ पत्रकार वीरेंद्र भट्ट और सतीश के सिंह
श्रीलंका में फ़ूड इमरजेंसी यानी खाद्य आपातस्थिति का ऐलान हुआ है। जानकारों का कहना है कि यह सिर्फ़ खाने का संकट नहीं है बल्कि श्रीलंका की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी मुसीबत का संकेत है और दरअसल यह आर्थिक आपातकाल का ऐलान है।
चीफ जस्टिस एन वी रामन्ना ने कहा कि मीडिया का एक हिस्सा हर चीज़ को सांप्रदायिक रंग दे देता है। यह बात उन्होंने तबलीगी जमात और कोरोना वायरस से जुड़ी खबरों के मामले में कही। उन्होंने कहा कि ऐसी चीजों से देश का नाम खराब होता है। साथ ही उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि समाचार माध्यमों में जिम्मेदारी गायब होती जा रही है। आलोक जोशी के साथ रामकृपाल सिंह, एन के सिंह, आशुतोष और हर्षवर्धन त्रिपाठी।
जीडीपी में 20 प्रतिशत की वृद्धि पर बहुत खुश होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि भारतीय अर्थव्यवस्था का बुरा समय अभी भी ख़त्म नहीं हुआ है और यह मंदी से बाहर नहीं निकला है।
तालिबान तो तालिबान है। गुड तालिबान और बैड तालिबान कुछ नहीं। यह कहनेवाली मोदी सरकार अब तालिबान से बात कर रही है। यह करना ज़रूरी है क्या? क्या इसपर सवाल उठाना गलत राजनीति है? आलोक जोशी के साथ विभूति नारायण राय, वेद प्रताप वैदिक, वीरेंद्र भट्ट और हिमांशु बाजपेई
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को क्लीन चिट दे चुकी थी सीबीआई? कॉंग्रेस एनसीपी ने किया दावा और जांच की मांग। सीबीआई का दावा उनके खिलाफ सबूत हैं। भ्रष्टाचार की जांच चल रही है या राजनीति की चालें?आलोक जोशी के साथ पूर्व पुलिस अधिकारी पी के जैन, राजनीतिक विश्लेषक सुनील तांबे, वरिष्ठ पत्रकार तुलसीदास भोइते, सोमदत्त शर्मा और हिमांशु बाजपेई
सुप्रीम कोर्ट ने पिछड़े वर्ग के आरक्षण से समृद्ध तबके या क्रीमी लेयर को बाहर रखने की हरियाणा सरकार की अधिसूचना पर रोक लगाई। कहा सिर्फ आर्थिक आधार पर नहीं हो सकता आरक्षण का फैसला। जाति जनगणना की मांग पूरे ज़ोर पर चल ही रही है। तो क्या आरक्षण का जिन्न एक बार फिर बोल से बाहर निकल आया है?
इंदौर में एक चूड़ीवाले की पिटाई और फिर उस पर मुक़दमा। अजमेर में एक भिखारी और उसके बच्चे की पिटाई। दोनों ही मुसलमान थे। यह कौन सा धर्म है जो ऐसा आतंक फैलाने की शिक्षा देता है? आलोक अड्डा में प्रोफ़ेसर अपूर्वानंद, अनिल शर्मा, संजीव श्रीवास्तव, अलीशान जाफ़री और हिमांशु बाजपेई
कल्याण सिंह को श्रद्धांजलि देने बीजेपी नेताओं का तांता लगा। शरीर त्यागते ही बीजेपी नेतृत्व को कैसे याद आए कल्याण सिंह? क्या चुनाव से पहले यह कसरत बीजेपी का कल्याण कर पाएगी? आलोक जोशी के साथ राम कृपाल सिंह, वीरेंद्र नाथ भट्ट, शरद गुप्ता, शीतल पी सिंह और हिमांशु बाजपेई।
काबुल पर तालिबान का कब्जा, लेकिन पुूरे अफगानिस्तान पर नहीं। पंजशीर में अहमद मसूद के लड़ाकों ने लोहा लिया तो काबुल में आम अफगान सड़क पर निकल आए। क्या अफगानिस्तान गृहयुद्ध की कगार पर है?
चुपचाप तालिबान से सौदा कर निकल लिया अमेरिका। चीन ने मौकापरस्ती की मिसाल दी। पाकिस्तान को तालिबान से फायदा होगा? भारत के लिए खतरा बढ़ गया है? क्या भारत ने तालिबान को मान्यता देने में देर कर दी है? पाकिस्तान, चीन और अमेरिका में काम कर चुके पूर्व राजनयिक और राजदूत विष्णु प्रकाश से आलोक जोशी की बातचीत।
स्वतंत्रता दिवस पर भाषण करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सबका विकास, सबका प्रयास' का नारा उछाल कर एक नई बहस की शुरुआत कर दी है। क्या यह महज नारा साबित होगा या वाकई कुछ होगा।
मुठभेड़ोंं में तैंतीस सौ से ज्यादा कथित अपराधियों की टांग पर गोली लगी है। यानी उन्हें लंगड़ा कर दिया गया। क्या है ऑपरेशन लंगड़ा।आलोक जोशी के साथ पूर्व पुलिस महानिदेशक और लेखक विभूति नारायण राय, वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान और किस्सा गो हिमांशु बाजपेई
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ख़िलाफ़ विचित्र मामला। फ़र्ज़ी डिग्री से चुनाव लड़ने का आरोप। पेट्रोल पंप आवंटन पर भी सवाल। बीजेपी नेता ने की याचिका!! आपराधिक मामला दर्ज करने की माँग. क्या इसके पीछे पॉलिटिक्स है? आलोक जोशी के साथ याचिकाकर्ता दिवाकर त्रिपाठी, अंबरीश कुमार और आशुतोष
किन्नैर में आज फिर एक भयानक हादसा हुआ। कुदरत चेतावनी दे रही है और आइपीसीसी की रिपोर्ट कह रही है कि दस बीस साल में ही हन बहुत बड़ी तबाही की ओर बढ़ रहे हैं। आलोक जोशी के साथ पर्यावरण पत्रकार हृदयेश जोशी, बीबीसी के पूर्व संपादक शिवकांत और हिमांशु बाजपेई ।
अफगानिस्तान में खूनखराबा और तेज़ हुआ। आधे से ज्यादा देश में फैला तालिबान। अमेरिका वापसी पर अड़ा। कैसे चलेगी अफगान सरकार? क्या यह बनेगा भारत के लिए सिरदर्द? विवेक काटजू, एस डी मुनि, शिवकांत, और शाहज़ेब जीलानी के साथ आलोक जोशी और हिमांशु बाजपेई।