यूक्रेन में रूसी हमले लगातार तेज़ हो रहे हैं और इसके साथ ही मीडिया में ऐसी रिपोर्टें भी अब आ रही हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति को बदलना चाहते हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि पुतिन युद्ध ख़त्म होने पर निर्वासन में रह रहे यूक्रेन के ही पूर्व राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच को यूक्रेन का राष्ट्रपति बनाना चाहते हैं।
यूक्रेन के एक प्रमुख मीडिया समूह द कीव इंडेपेंडेंट ने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए ट्वीट किया है, 'मीडिया: पुतिन यानुकोविच को यूक्रेन के राष्ट्रपति के रूप में बहाल करना चाहते हैं। उक्रेन्स्का प्रावदा के सूत्रों के अनुसार, विक्टर यानुकोविच कथित तौर पर मिन्स्क में हैं, और क्रेमलिन ज़ेलेंस्की को बदलने के लिए एक ऑपरेशन की तैयारी कर रहा है। पूर्व राष्ट्रपति विक्टर 2014 में यूरोमैदन क्रांति द्वारा अपदस्थ कर दिए गए थे।'
⚡️Media: Putin wants to reinstate Yanukovych as president of Ukraine.
— The Kyiv Independent (@KyivIndependent) March 2, 2022
Viktor Yanukovych is allegedly in Minsk, and the Kremlin is preparing an operation to replace Zelensky with the ex-president ousted by the EuroMaidan Revolution in 2014, according to Ukrainska Pravda’s sources
रिपोर्ट में यूक्रेनी खुफिया का हवाला देते हुए कहा गया है कि एक संभावना यह बन रही है कि रूस उन्हें यूक्रेन के राष्ट्रपति के रूप में घोषित करने का प्रयास करेगा। क्रेमलिन यानुकोविच की यूक्रेन में वापसी के लिए एक अभियान या कार्रवाई की तैयारी कर रहा है।
रिपोर्टों में कहा गया है कि क्रेमलिन के साथ उनकी निकटता है और यूक्रेन के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति के रूप में उनके पिछले कार्यकाल में भी ऐसी निकटता थी। ये दोनों चीजें उन्हें पुतिन के लिए एक सटीक उम्मीदवार बनाती है। वैसे, पश्चिमी देशों के राजनयिक और जानकार भी कहते रहे हैं कि पुतिन कीव में निर्वाचित सरकार को उखाड़ फेंकना और उसके स्थान पर एक कठपुतली सरकार स्थापित करना चाहते हैं।
विक्टर यानुकोविच
विक्टर यानुकोविच को 2010 में यूक्रेन के चौथे राष्ट्रपति के रूप में चुना गया था और वह यूरोमैदन क्रांति तक इस पद पर बने रहे। कीव में प्रदर्शनकारियों, दंगा पुलिस और निशानेबाजों से जुड़े हिंसक संघर्षों के कारण फरवरी 2014 में यूक्रेनी सरकार को उखाड़ फेंका गया और यानुकोविच को पद से हटा दिया गया था। नवंबर 2013 में यानुकोविच के यूरोपीय संघ के साथ एक राजनीतिक और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने से इनकार करने की प्रतिक्रिया में विरोध शुरू हुआ था।
एक रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्वासन के बाद यानुकोविच ने रूस में अपना ठिकाना बनाया और वह क्रेमलिन के संरक्षण में निर्वासन में रहे। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यानुकोविच मिंस्क में हैं।
यानुकोविच जुलाई 1950 में येनाकीयेवो में एक लोहार और नर्स के परिवार में जन्मे थे। उन्हें अपनी युवावस्था में हिंसक अपराधों के लिए दो बार जेल हुई थी। हालाँकि, उनकी आधिकारिक जीवनी के अनुसार आख़िर में वह आरोपों से मुक्त कर दिए गए थे।
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, यानुकोविच ने पूर्वी यूक्रेन में सोवियत संघ के प्रमुख कोयला-खनन उद्योग में एक परिवहन कार्यकारी के रूप में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने 2000 में अर्थशास्त्र में पीएचडी की थी। वह दोनेत्स्क क्षेत्र के गवर्नर बने।
स्थानीय प्रशासन में प्रवेश करने के एक वर्ष से भी कम समय के बाद तत्कालीन राष्ट्रपति लियोनिद कुचमा ने उन्हें नवंबर 2002 में प्रधानमंत्री नियुक्त किया। 2004 में उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए कदम बढ़ाया। हालाँकि, कीव में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों (ऑरेंज क्रांति) के बाद चुनाव को फर्जी घोषित कर दिया गया। वह फिर 2006 से 2007 तक प्रधानमंत्री रहे और यूक्रेन के सबसे लोकप्रिय राजनेता बन गए।
उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को हराकर 2010 के राष्ट्रपति चुनावों में जीत हासिल की। राष्ट्रपति रहने के दौरान यानुकोविच ने यूक्रेन और यूरोपीय संघ के बीच घनिष्ठ संबंध स्थापित किए। हालाँकि 2013 में जब समझौते पर दस्तख़त करने की बारी आई तो उन्होंने इसे खारिज कर दिया। इसका विरोध हुआ और और फिर इसी विरोध के कारण उन्हें निर्वासन में जाना पड़ा।
अपनी राय बतायें