अमेरिका के प्रमुख महामारी विशेषज्ञ एंथोनी फाउची ने बुधवार को कहा कि अमेरिका एक महामारी के शिखर को पार कर लिया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अब स्थानीय हालात के अनुसार स्थानीय अधिकारियों और लोगों के लिए प्रतिबंधों में ढील देना ठीक है।
उनका यह बयान तब आया है जब अमेरिका में बुधवार को ही एक दिन में सवा दो लाख कोरोना संक्रमण के मामले आए हैं और 2700 से ज़्यादा लोगों की मौत हुई है। हालाँकि, अमेरिका में इस लहर में हर रोज़ 15 लाख संक्रमण के मामले आने लगे थे और अब यह संख्या काफ़ी कम हो गई है। अभी भी मौत के आँकड़ों का साप्ताहिक औसत क़रीब 2600 है जो इस साल सबसे ज़्यादा है।
हालाँकि, हाल के आँकड़े दिखाते हैं कि संक्रमण के मामले कम हुए हैं और इसी को लेकर एंथोनी फाउची का बयान आया है। उन्होंने बुधवार को फाइनेंशियल टाइम्स से कहा, 'जैसा कि हम कोविड -19 महामारी के शिखर वाले चरण से बाहर निकल रहे हैं, और हम निश्चित रूप से बाहर निकल रहे हैं, ये निर्णय केंद्र द्वारा तय या अनिवार्य किए जाने के बजाय स्थानीय स्तर पर तेजी से लिए जाएंगे। और भी ऐसे लोग होंगे जो अपना फ़ैसला ले रहे होंगे कि वे वायरस से कैसे निपटना चाहते हैं।'
कुछ सर्वे में कहा गया है कि अमेरिका ने जो यह फ़ैसला लिया है वह कोरोना के कम हो रहे मामलों अस्पतालों में भर्ती होने की कम हो रही संख्या को लेकर है। कुछ सर्वे में कहा गया है कि यह फ़ैसला इसलिए लिया जा रहा है कि लोग लंबे समय तक कोविड प्रतिबंधों से थक और ऊब चुके हैं।
एक मॉनमाउथ विश्वविद्यालय के सर्वेक्षण में पाया गया कि 10 में से 7 अमेरिकी यानी 70% इस भावना से सहमत हैं कि 'यह समय है कि हम स्वीकार करें कि कोविड यहाँ रहने के लिए है और हमें बस अपने जीवन के साथ आगे बढ़ने की आवश्यकता है।'
अमेरिका में यह फ़ैसला तब लिया जा रहा है जब हाल ही में डब्ल्यूएचओ ने चेताया है कि भले ही दुनिया ओमिक्रॉन लहर के कम होने के साथ सामान्य स्थिति में वापस आ गई है, लेकिन कोविड -19 का अगला वैरिएंट अधिक संक्रामक होगा, और शायद पहले वैरिएंट की तुलना में अधिक घातक भी।
हाल ही में एक प्रेस ब्रीफिंग में डब्ल्यूएचओ के महामारीविद और कोविड-19 पर तकनीकी प्रमुख डॉ. मारिया वान केरखोव ने जोर देकर कहा कि महामारी ख़त्म नहीं हुई है और भविष्य के वैरिएंट किसी तरह से ओमिक्रॉन की तुलना में अधिक संक्रामक होंगे।
डॉ. केरखोव ने कहा, 'चिंता का अगला वैरिएंट अधिक मज़बूत होगा, और इससे हमारा तात्पर्य यह है कि यह अधिक संक्रामक होगा क्योंकि इसे वर्तमान में जो चल रहा है उससे आगे निकलना होगा। बड़ा सवाल यह है कि भविष्य के वैरिएंट कम या ज़्यादा गंभीर होंगे या नहीं?'
चौथी खुराक की ज़रूरत?
हालाँकि, इसके साथ ही डॉ. एंथनी फाउची ने संकेत दिया है कि कोरोना वायरस से लड़ने में वैक्सीन की चौथी खुराक की ज़रूरत पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि यह व्यक्ति की उम्र और उसकी स्वास्थ्य स्थिति पर निर्भर हो सकता है। बुधवार को व्हाइट हाउस की ब्रीफिंग में डॉ. फाउची ने कहा कि अमेरिका में लोगों को दूसरे बूस्टर शॉट (कुल चौथी खुराक) की ज़रूरत हो सकती है।
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