रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में बात अब रासायनिक, जैविक और परमाणु हथियारों तक पहुंच गई है। यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ही अमेरिका रूस पर तमाम तरह के सख्त प्रतिबंध लगा चुका है और अब वह इसकी तैयारी कर रहा है कि अगर रूस यूक्रेन पर परमाणु हथियार का इस्तेमाल करता है तो उसकी रणनीति क्या होगी।
क्योंकि परमाणु हथियारों का इस्तेमाल होने पर इसका असर नाटो देशों पर भी पड़ेगा और अमेरिका कई बार चेता चुका है कि अगर रूस ने नाटो देशों पर हमला किया तो वह इसका पुरजोर जवाब देगा। नाटो के महासचिव जनरल जेंस स्टोल्टनबर्ग ने साफ किया है कि अगर रूस रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल करता है तो इसके गंभीर नतीजे होंगे।
अमेरिका ने इस मामले में विशेषज्ञों की एक टीम का गठन किया है जिसे ‘टाइगर टीम’ का नाम दिया गया है।
हालांकि ‘टाइगर टीम’ का अनुमान है कि अगर रूस ने परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया तो यह अमेरिका के द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में गिराए गए बमों की तुलना में छोटे होंगे। अमेरिकी सांसदों और सैन्य विशेषज्ञों का भी मानना है कि रूस छोटे परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है।
अमेरिकी मीडिया की खबरों के मुताबिक, ‘टाइगर टीम’ के सदस्य एक हफ्ते में तीन बार मिलते हैं और इस पर चर्चा करते हैं कि अगर परमाणु संघर्ष हुआ तो अमेरिका किस तरह से जवाब देगा। जो बाइडेन व्लादिमिर पुतिन को युद्ध अपराधी घोषित कर चुके हैं और इसका रूस की ओर से कड़ा जवाब दिया गया था।
उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ब्रसेल्स में आपात बैठक कर चुके हैं और इसमें पश्चिमी देशों के नेताओं ने रूस के इस हमले के खिलाफ रणनीति तैयार की है। बाइडेन पोलैंड भी पहुंचे हैं। रूस के हमले के कारण 20 लाख यूक्रेनी नागरिक भागकर पोलैंड पहुंच चुके हैं।
रूस कह चुका है कि उस पर लगाए गए प्रतिबंध और उसका आर्थिक बहिष्कार किया जाना एक तरह से युद्ध की घोषणा जैसा ही है। ऐसे में सवाल ये है कि अगर रूस का आर्थिक ढांचा ध्वस्त होता है तो उसके लिए क्या अस्तित्व का खतरा पैदा हो जाएगा और ऐसी सूरत में क्या वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेगा।
तबाही होगी
रूस और यूक्रेन की जंग में अगर नाटो देश, अमेरिका, चीन सहित दुनिया की बाकी ताकतें भी शामिल हुई तो निश्चित रूप से यह पूरी दुनिया के लिए बेहद विनाशकारी साबित होगा। क्योंकि दुनिया की सारी बड़ी ताकतें जंग के मैदान में होंगी और यह दूसरे विश्व युद्ध से भी ज्यादा विनाशकारी साबित हो सकता है क्योंकि ताकतवर देशों ने परमाणु हथियार से लेकर सैन्य ताक़त में जबरदस्त इजाफा किया है।
अपनी राय बतायें