यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका रूस पर एक के बाद एक प्रतिबंध लगा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूस पर कुछ नए प्रतिबंध लगाए हैं और कहा है कि उनके मुल्क में रूस से किसी भी तेल उत्पाद का आयात नहीं होगा।
बाइडेन ने कहा कि हालांकि इसकी कीमत अमेरिकी लोगों को भी चुकानी होगी लेकिन लोगों को अपनी आजादी की हिफाजत करने के लिए यह कीमत चुकानी पड़ेगी। रूस-यूक्रेन युद्ध को आज 14 दिन हो चुके हैं और इस बीच यूक्रेन के कई शहरों में भारी तबाही हुई है और बड़ी संख्या में लोगों को मुल्क को छोड़ने को मजबूर होना पड़ा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलिदिमिर जेलेंस्की ने अमेरिका और पश्चिमी देशों को रूस से होने वाले सभी आयात पर प्रतिबंध लगाने की अपील की थी।
बाइडेन ने कहा कि अमेरिका यूरोपीय देशों के उन सहयोगियों के साथ विचार कर रहा है जो कुछ मामलों में रूस पर निर्भर हैं। रूस यूरोप को 40 फ़ीसदी गैस और इसकी तेल की जरूरत का एक चौथाई हिस्सा सप्लाई करता है।
बाइडेन ने अमेरिकी ऊर्जा कंपनियों से कहा कि वह बेतहाशा दाम ना बढ़ाएं जिससे उपभोक्ताओं पर बहुत ज्यादा दबाव पड़े।
अमेरिका की ओर से रूस पर नए प्रतिबंध लगाने के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा कि दुनिया हमारे बारे में बात कर रही है और युद्ध के बाद हमारे पुनर्निर्माण के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि दुनिया ने देखा है कि यूक्रेन के लोगों ने किस तरह बहादुरी से अपना बचाव किया।
जिद पर अड़े पुतिन
दुनिया भर की ओर से लगे तमाम प्रतिबंधों के बाद रूस को बड़े पैमाने पर नुकसान होना तय है। लेकिन राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अपनी जिद पर अड़े हैं। उनका कहना है कि यूक्रेन को किसी भी सूरत में नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाना चाहिए जबकि अमेरिका और नाटो के देश कह चुके हैं कि ऐसा कोई भी प्रस्ताव उनके सामने नहीं है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ने भी कहा है कि वह नाटो के देशों पर यूक्रेन को सदस्यता देने के लिए कोई दबाव नहीं बना रहे हैं।
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