शनिवार को बाइडेन ने अपने बयान में पुतिन को सत्ता से हटाने और उन्हें कसाई (बूचर) जैसे शब्दों से नवाजा था। इसे मास्को के खिलाफ अमेरिका का कड़ा बयान माना जा रहा है।
बाइडेन के बयान से यह साफ हो गया कि अमेरिका ने यूक्रेन में सीधे सैन्य हस्तक्षेप की बात कहने से परहेज किया और यह भी स्पष्ट किया कि वो रूस में सत्ता परिवर्तन का समर्थन नहीं करता है। बाइडेन की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने रॉयटर्स से कहा: यह तय करना बाइडेन का काम नहीं है। रूस का राष्ट्रपति रूसियों द्वारा चुना जाता है।
बाइडेन का यह बयान यूरोप में जी 7, यूरोपीय यूनियन और नाटो सहयोगियों के साथ तीन दिनों की बैठकों के बाद आया।
ल्विव शहर पर हमला
इन बयानों से बेपरवाह रूसी फौज ने पश्चिमी यूक्रेनी शहर ल्विव पर रॉकेटों से हमला किया। यह शहर पोलैंड से सिर्फ 60 किलोमीटर दूर है।एक और रॉकेट हमले ने ल्विव के बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचाया लेकिन किसी भी हमले से कोई मौत नहीं हुई।रूस ने 24 फरवरी को अपनी फौज जबरन यूक्रेन के अंदर भेज दी। तब से यूक्रेन में लगातार युद्ध जारी है। यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने एक बार फिर से पश्चिमी देशों से सैन्य हार्डवेयर भेजने की मांग की।उन्होंने पश्चिमी देशों से सवाल किया कि क्या वे मास्को से भयभीत हैं। हम पहले से ही 31 दिनों से इंतजार कर रहे हैं।
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