कानूनी मामलों पर पीटीआई अध्यक्ष के सहयोगी नईम हैदर पंजोथा ने भी ट्विटर पर एक पोस्ट में इसकी पुष्टि की: "सीजे ने हमारे अनुरोध को स्वीकार कर लिया है, सजा को निलंबित कर दिया है। विस्तृत निर्णय बाद में आएगा।"
چیف جسٹس صاحب نے ہماری درخواست منظور کر لی،سزا معطل کرتے ہوۓ کہا ہے کہ تفصیلی فیصلہ بعد میں لے لیجیے گا.
— Naeem Haider Panjutha (@NaeemPanjuthaa) August 29, 2023
5 अगस्त को, इस्लामाबाद की एक ट्रायल कोर्ट ने पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) द्वारा दायर मामले में पीटीआई प्रमुख को दोषी ठहराया था, जिसमें तोशाखाना के उपहारों का विवरण छिपाना शामिल था और उन्हें तीन साल की जेल हुई थी। फैसले का मतलब था कि उन्हें पांच साल के लिए आम चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया।
इसके बाद इमरान ने अपनी सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। उन्होंने मामले को वापस ट्रायल कोर्ट के जज के पास भेजने के आईएचसी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (एससी) का दरवाजा भी खटखटाया था, जिन्होंने उन्हें दोषी ठहराया था।
हालाँकि, पिछले हफ्ते, पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की सजा में "प्रक्रियात्मक दोष" (procedural defects) को स्वीकार किया था, लेकिन इमरान की याचिका पर IHC के फैसले का इंतजार करने का विकल्प चुना था। अदालत की टिप्पणियों ने पाकिस्तान बार काउंसिल को नाराज़ कर दिया था, जिसने कहा था कि अधीनस्थ न्यायपालिका के सामने लंबित मामलों में कोई "हस्तक्षेप" नहीं होना चाहिए।
एक दिन पहले, पाकिस्तान चुनाव आयोग के वकील अमजद परवेज़ ने अपनी दलीलें पूरी कीं और अदालत से मामले में प्रतिवादी बनाने के लिए राज्य को नोटिस जारी करने का आग्रह किया। अपनी ओर से, इमरान के वकील लतीफ़ खोसा ने कहा था कि उन्हें परवेज़ की दलील पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि कानूनी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं थी।
इस बीच इमरान की कानूनी टीम ने मंगलवार को आईएचसी में एक नई याचिका दायर की जिसमें अधिकारियों को 5 अगस्त के बाद उनके खिलाफ दायर किसी भी मामले में पूर्व प्रधान मंत्री की "अवैध और अनुचित गिरफ्तारी" से रोकने के निर्देश देने की मांग की गई है। हालांकि पाकिस्तान के पूर्व मंत्री राणा सनाउल्लाह खान ने कहा कि इमरान का जेल के बाहर आना मुश्किल है, क्योंकि उन पर कई और भी मामले चल रहे हैं।
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