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फोटो क्रेडिट- DawnNewsTV

इस्लामाबाद: आत्मघाती बम धमाका, एक पुलिसकर्मी शहीद, चार घायल

पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में शुक्रवार सुबह  I-10 सेक्टर में आत्मघाती बम धमाका हुआ है। इस बम धमाके में एक पुलिसकर्मी शहीद हुआ है जबकि चार पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दो आम नागरिक भी धमाके में घायल हुए हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 

पुलिस के मुताबिक, जब पुलिसकर्मियों ने एक गाड़ी को चेकिंग के लिए रुकने के लिए कहा तो हमलावर ने खुद को उड़ा लिया। धमाके की चपेट में आए एक पुलिसकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई। हमलावर के साथ गाड़ी में एक महिला भी सवार थी। 

हमले में घायल पुलिसकर्मियों से ज्यादा जानकारी भी हासिल की जा रही है। 

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घटना के बाद पूरे इलाके को खाली करा लिया गया है। बम निरोधक दस्ता और तमाम अन्य महकमों से जुड़े कर्मचारी व पुलिस के अफसर मौके पर मौजूद हैं। पूरे इस्लामाबाद में अलर्ट जारी कर दिया गया है। 

धमाके के बाद गाड़ी के परखच्चे उड़ गए और जबरदस्त धुआं उठा। घटना के बाद बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर इकट्ठा हो गए जिन्हें पुलिसकर्मियों और सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े लोगों ने हटाया और पूरे इलाके को खाली करा लिया। 

जिस जगह यह धमाका हुआ वह घनी आबादी वाला इलाका है। 

टीटीपी के आतंकियों से संघर्ष

तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान यानी टीटीपी के आतंकियों ने 18 दिसंबर को बन्नू कैंटोनमेंट के परिसर में स्थित काउंटर टेररिज्म डिपार्टमेंट (सीटीडी) के कर्मचारियों को बंधक बना लिया था। 40 घंटे तक चले जबरदस्त संघर्ष के बाद पाकिस्तानी आर्मी और सुरक्षा बलों ने के सभी 33 आतंकियों को मार गिराया था। इस संघर्ष में पाकिस्तान आर्मी के 2 जवान भी शहीद हुए थे और कुछ घायल हुए थे। 

पाकिस्तान की आर्मी ने कहा कि 2 दिन तक लगातार इस बात की कोशिश की गई कि आतंकी आत्मसमर्पण कर दें लेकिन वे उन्हें सुरक्षित अफगानिस्तान भेजने की मांग करते रहे। 

जब आतंकियों ने हथियार डालने से इंकार कर दिया तो पाकिस्तान की आर्मी और सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन शुरू किया और इस दौरान दोनों ओर से जबरदस्त फायरिंग हुई। 

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इमरान पर हुआ था हमला

इससे पहले पाकिस्तान के पूर्व वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान पर 3 नवंबर को लाहौर से इस्लामाबाद तक निकाले जा रहे हकीकी आजादी मार्च के दौरान वजीराबाद में हमला हुआ था। इमरान ने हमले के लिए वज़ीर-ए-आज़म शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के महानिदेशक मेजर जनरल फैसल नसीर को जिम्मेदार ठहराया था। 

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क़मर वहीद नक़वी
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