अमेरिका में एक बार फिर जबरदस्त फायरिंग हुई है जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। फायरिंग उस वक्त हुई, जब अमेरिका की आजादी वाले दिन के मौके पर परेड निकाली जा रही थी। हाइलैंड पार्क के शिकागो उपनगर में हो रही इस परेड के दौरान एक बेहद ताकतवर राइफल से छत से गोलियां चलाई गई। इस फायरिंग में 36 लोग घायल हो गए।
घायलों में से कुछ की हालत बेहद गंभीर है। फायरिंग के बाद पुलिसकर्मियों ने हमलावर को दबोच लिया।
संदिग्ध हमलावर का नाम रॉबर्ट क्रीमो है और उसकी उम्र 22 साल है। फायरिंग की वजह से परेड के दौरान बना माहौल मातम में बदल गया। फायरिंग के बाद लोग दहशत में आ गए और इधर-उधर भागने लगे।
अमेरिका में फायरिंग की लगातार घटनाएं होती रहती हैं और बड़ी संख्या में लोगों की जान इस वजह से जाती है। फायरिंग की वजह से आगे के सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। राष्ट्रपति जो बाइडेन और उनकी पत्नी इस घटना के कारण बेहद दुखी हैं।
21 लोगों की हत्या
इस साल मई में ही टेक्सास में हुए एक दिल दहला देने वाले हादसे में एक शख्स ने 21 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मरने वालों में 19 बच्चे भी शामिल थे। कई बच्चे घायल भी हुए थे। हमलावर की उम्र 18 साल थी और उसने इस हत्याकांड को अंजाम देने से पहले अपनी दादी को भी गोली मार दी थी।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस घटना के बाद देश के लोगों से गन लॉबी के खिलाफ खड़े होने की अपील की थी। राष्ट्रपति ने कहा था कि किसी बच्चे का जाना इस तरह है जैसे आपकी आत्मा से एक टुकड़ा काट कर निकाल लिया गया हो।
मास फायरिंग की घटनाएं
अमेरिका में फायरिंग की छोटी-मोटी घटनाओं के साथ ही मास फायरिंग यानी बड़े स्तर पर फायरिंग होने की घटनाएं भी बीते सालों में हो चुकी हैं। 14 मई को 18 साल के एक हमलावर ने न्यूयॉर्क में 10 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसी दिन कैलिफोर्निया के एक चर्च में भी फायरिंग की घटना हुई थी।
टेक्सास में ही अप्रैल 2021 में बीच सड़क पर गोलीबारी की घटना हुई थी, इसमें तीन लोगों की मौत हुई थी और कई लोग घायल हो गए थे। मार्च 2021 में कोलोराडो में 21 साल के बंदूकधारी ने सुपर मार्केट में गोलियां चलाई थी और 10 लोगों की हत्या कर दी थी। इस तरह की घटनाएं जॉर्जिया और दूसरे इलाकों में भी हुई हैं।
अगस्त 2012 में विस्कांसिन के एक गुरुद्वारे में प्रार्थना सभा में घुसकर एक बंदूकधारी ने अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग घायल हो गए थे। गोली चलाने की इस तरह की कई घटनाएं नस्लीय हिंसा से सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं।
बंदूकों को चलाने के लिए दिए जाने वाले लाइसेंस को लेकर अमेरिका में अच्छी खासी बहस छिड़ी हुई है। हाल ही में अमेरिकी संसद में इस संबंध में एक विधेयक भी पास किया है।
लगातार हो रही इस तरह की घटनाओं को देखते हुए अमेरिका की नेशनल राइफल एसोसिएशन ने अमेरिका के गन नियमों को सख़्त बनाने की कोशिश की है लेकिन बावजूद इसके इस तरह की वारदात रुकने का नाम नहीं ले रही हैं।
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