विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के एक पत्रकार के द्वारा आतंकवाद के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल का करारा जवाब दिया है। पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल पूछा था कि दक्षिण एशिया से आतंकवाद कब खत्म होगा। इस पर एस. जयशंकर ने कहा, “आप जानते हैं कि आप यह सवाल गलत मंत्री से पूछ रहे हैं क्योंकि पाकिस्तान के मंत्री ही आपको बताएंगे कि पाकिस्तान कब तक आतंकवाद को बढ़ावा देना चाहता है।”
जयशंकर ने यह बात संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही।
विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले 2 साल से अधिक वक्त से कोरोना महामारी के कहर के बावजूद अंतरराष्ट्रीय समुदाय यह नहीं भूल पाया है कि आतंकवाद के खतरे की उत्पत्ति कहां से हुई है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि दुनिया उन्हें आतंकवाद के केंद्र के रूप में देखती है। उनका सीधा इशारा पाकिस्तान की ओर ही था।
इस बार जयशंकर पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार के द्वारा लगाए गए आरोप पर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे। इस आरोप में हिना रब्बानी खार ने कहा था कि किसी भी देश ने भारत से बेहतर आतंकवाद का इस्तेमाल नहीं किया।
हिलेरी क्लिंटन का जिक्र
विदेश मंत्री ने साल 2011 में अमेरिका की तत्कालीन विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन के द्वारा पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार के साथ की गई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि उस प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिलेरी क्लिंटन ने कहा था कि आप अपने बैकयार्ड में सांप नहीं रख सकते हैं और उससे यह उम्मीद नहीं कर सकते कि वह सिर्फ आपके पड़ोसियों को ही काटेगा।
एस. जयशंकर ने कहा कि हिलेरी क्लिंटन ने वास्तव में यह कहा था कि अगर आपके बैकयार्ड में सांप है तो आप उससे यह उम्मीद नहीं रख सकते कि वह आपके पड़ोसियों को ही काटेगा बल्कि वह उन लोगों को भी काटेगा जो उन्हें अपने बैकयार्ड में रखते हैं। लेकिन जैसा आप जानते हैं पाकिस्तान अच्छी सलाह लेने में माहिर नहीं है और आप देख रहे हैं कि वहां क्या हो रहा है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान को अपने काम में पारदर्शिता रखनी चाहिए और एक अच्छा पड़ोसी बनना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया बेवकूफ नहीं है और वह ऐसे देशों, संगठनों और लोगों से किनारा कर रही है जो आतंकवाद में शामिल हैं।
कश्मीर मुद्दे पर दिया करारा जवाब
एस. जयशंकर ने इससे पहले जब पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कश्मीर का मुद्दा उठाया था तब भी उसे करारा जवाब दिया था। उन्होंने पाकिस्तान को सीधा संदेश देते हुए कहा था कि न ही ओसामा बिन लादेन की मेजबानी करना और न ही पड़ोसी देश की संसद पर हमला करना संयुक्त राष्ट्र परिषद सुरक्षा परिषद के सामने उपदेश देने के लिए प्रामाणिकता के रूप में काम कर सकता है।
विदेश मंत्री ने कहा था कि सीमा पार से आतंकवाद को किसी भी सूरत में जायज नहीं ठहराया जा सकता और पूरी दुनिया इसे अस्वीकार करती है।
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