बीते कई दिनों से चल रहे जोरदार युद्ध के बाद रूस और यूक्रेन बातचीत की टेबल पर आ गए हैं। दोनों देशों के बीच बेलारूस के बॉर्डर पर बातचीत चल रही है। दुनिया भर की नजरें इसी बात पर लगी हैं कि क्या बातचीत से इन दोनों देशों के बीच युद्ध विराम हो पाएगा क्योंकि बीते कई दिनों में दोनों देशों को अपने जवानों को खोना पड़ा है और रूस के हमले का यूक्रेन ने जोरदार जवाब दिया है। लेकिन उसके शहरों से लोगों का देश छोड़कर निकलना जारी है।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन द्वारा अपने मुल्क़ की न्यूक्लियर फोर्स को हाई अलर्ट मोड में डालने के आदेश के बाद यूक्रेन बातचीत के लिए राजी हो गया। इस बारे में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलिदीमिर जेलेंस्की और बेलारूस के नेता अलेक्जेंडर लुकाशेंको के बीच बातचीत हुई थी।
इस बैठक से पहले रूस ने कहा है कि वह यूक्रेन के साथ समझौता करना चाहता है लेकिन यूक्रेन का कहना है कि रूस तुरंत युद्ध विराम की घोषणा करे और अपने जवानों को वापस बुलाए।
इस बीच, रूस की आर्मी ने कहा है कि यूक्रेन के नागरिक आसानी से कीव को छोड़ कर बाहर जा सकते हैं। यूक्रेन ने दावा किया है कि उसके हमले में रूस की आर्मी को भारी नुकसान हुआ है। यूक्रेन ने कहा है कि रूस का सैन्य ऑपरेशन फेल हो गया है और उसका मनोबल गिरा हुआ है।
उधर, कीव से कर्फ्यू हटा लिया गया है और यूक्रेन में स्थित भारतीय दूतावास ने वहां फंसे छात्रों को सलाह दी है कि वे यूक्रेन के पश्चिमी इलाकों में स्थित रेलवे स्टेशनों की ओर जा सकते हैं। यूक्रेन का रेल मंत्रालय वहां फंसे लोगों को निकालने के लिए स्पेशल ट्रेनें चला रहा है।
यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ही दुनिया भर की ओर से रूस पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। यूरोपियन यूनियन ने रूस के जहाजों के उतरने और अपने इलाकों से इनके उड़ने पर रोक लगा दी है।
लेकिन अगर इस बातचीत में सुलह का कोई रास्ता नहीं निकला तो दोनों देशों की सेनाओं के बीच जारी युद्ध और बढ़ने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।
अपनी राय बतायें