पाकिस्तान हिंदू काउंसिल की ओर से मांग की गई है कि उनके मुल्क से हिंदू, मुसलिम और सिख तीर्थ यात्रियों को विमान से भारत आने की इजाजत दी जाए। इस संबंध में काउंसिल की ओर से मिले प्रस्ताव को पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने दिल्ली में स्थित पाकिस्तान उच्चायोग को भेज दिया है।
प्रस्ताव में काउंसिल के मुखिया रमेश वंकवानी की ओर से कहा गया है कि पाकिस्तान से दो चार्टर्ड फ्लाइट श्रद्धालुओं को लेकर आगामी शनिवार को भारत आना चाहती हैं। यह फ्लाइट लाहौर और कराची से आएंगी।
द हिंदू के मुताबिक, भारत को यह प्रस्ताव सोमवार को मिला है और विदेश मंत्रालय ने अभी इस बारे में कुछ नहीं कहा है।
एक अफसर ने कहा कि बीते साल नवंबर में पाकिस्तान ने भारत की श्रीनगर-शारजाह फ्लाइट को इजाजत नहीं दी थी और इसी तरह भारत ने भी पाकिस्तान की एक फ्लाइट को दिसंबर में इजाजत नहीं दी थी।
लेकिन अगर भारत की ओर से इस संबंध में इजाजत दे दी जाती है तो मुल्क के विभाजन के बाद यानी 1947 से अब तक ऐसा पहली बार होगा कि भारत या पाकिस्तान में से किसी एक ओर से विमान से श्रद्धालुओं को लाया जाएगा।
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अभी तक भारत और पाकिस्तान के श्रद्धालु एक-दूसरे के देशों में वाघा और अटारी बॉर्डर से होते हुए जाते हैं।
रमेश वंकवानी पाकिस्तान की हुकूमत में बैठी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के सांसद हैं। उन्होंने द हिंदू को बताया कि भारत में पाकिस्तान के श्रद्धालु 29 जनवरी से 1 फरवरी तक रहेंगे और इस दौरान वे जयपुर, अजमेर, दिल्ली, आगरा और हरिद्वार जाएंगे।
पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के इस प्रस्ताव में 170 श्रद्धालुओं के नाम हैं इनमें से 20 हिंदू श्रद्धालु भी हैं।
बिगड़ गए रिश्ते
भारत और पाकिस्तान के बीच साल 2019 में हुए पुलवामा हमले के बाद से रिश्ते बिगड़ गए थे और अगस्त 2019 में जब भारत ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटा दी थी तो उसके बाद पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों में कटौती कर दी थी।
तब से भारत और पाकिस्तान के बीच में व्यापार भी रुका हुआ है। लेकिन पिछले साल दोनों देशों के रिश्तो में जमी बर्फ तब पिघलने के संकेत मिले थे जब यह खबर आई थी कि सीमा पर संघर्ष विराम हो गया है। इसके अलावा पाकिस्तानी अफसरों का एक दल दिल्ली आया था और पाकिस्तान के खिलाड़ियों की एक टीम भी ग्रेटर नोएडा आई थी।
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