पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आटे का जबरदस्त संकट पैदा हो गया है। हालात यह हैं कि मुल्क भर में आटे की कमी हो गई है और सब्सिडी वाले आटे के लिए लोग आपस में लड़ रहे हैं। कई जगहों पर भगदड़ वाले हालात हैं। भगदड़ वाले हालात खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान प्रांत में कई जगहों पर देखने को मिले हैं।
सब्सिडी वाले आटे को लेने के लिए मची भगदड़ में एक शख्स की मौत भी हो चुकी है।
आटे के संकट को लेकर नेताओं के बीच जुबानी जंग भी तेज है। मुल्क के मौजूदा वज़ीर-ए-आज़म शाहबाज शरीफ ने पूर्व वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान पर हमला बोला है तो इमरान खान ने कहा है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान के हालात और ज्यादा खराब हो सकते हैं।
#PhotoOfTheDay | Local residents gather to purchase government-priced wheat flour at Hyderabad in Sindh province, Pakistanhttps://t.co/l5XoEu0qLr
— Forbes India (@ForbesIndia) January 10, 2023
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तान की आर्थिक राजधानी कराची में आटा 140 से 160 रुपए प्रति किलो बिक रहा है जबकि इस्लामाबाद और पेशावर में 10 किलो आटे के बैग की कीमत 1500 रुपए है और 20 किलो आटे के बैग की कीमत 2800 रुपए है। पंजाब के मिल मालिकों ने आटे की कीमत प्रति किलो 160 रुपए कर दी है। इससे बुरा हाल खैबर पख्तूनख्वा में है जहां पर 20 किलो वाले आटे के बैग की कीमत 3100 रुपए है। यह साफ दिख रहा है कि केंद्र व तमाम सूबों की हुकूमतें आटे के बढ़ते दामों पर नियंत्रण नहीं कर पा रही हैं।
मुल्क में तमाम जगहों पर आटे के संकट के कारण लोगों में जबरदस्त नाराजगी है। एएनआई के मुताबिक ब्रेड की कीमत भी बढ़ चुकी है और बेकरी आइटम पहले से ही काफी महंगे दामों में बिक रहे हैं।
मरने-मारने पर उतारू
आटे के बैग को लेकर लोगों के बीच किस तरह की लड़ाई देखने को मिल रही है, इसका पता सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो से चलता है। जिनमें देखा जा सकता है कि आटे के एक बैग के लिए किस तरह लोग मरने-मारने पर उतारू हैं। लोगों को बैग के लिए लंबी-लंबी कतारों में लगा हुआ देखा जा सकता है।
पेशावर हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी
मुल्क में बने खराब हालात के बाद पेशावर हाई कोर्ट ने आटे की कीमतों में बढ़ोतरी का नोटिस लिया है और केंद्र व सूबे की हुकूमत के अफसरों को तलब किया है। अदालत ने टिप्पणी की है कि लोग आटे के लिए ठोकरें खा रहे हैं और उन्हें कोई पूछने वाला नहीं है। अदालत ने कहा है कि हुकूमतें अवाम को राहत देने में पूरी तरह नाकाम रही हैं।
खैबर पख्तूनख्वा की फ्लोर मिल ने कहा है कि उन्हें पंजाब से बहुत कम गेहूं मिल रहा है। बता दें कि पाकिस्तान के चारों सूबों में से अकेले 70 फीसद से ज्यादा गेहूं का उत्पादन पंजाब करता है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, केंद्र और पंजाब की हुकूमत के बीच चल रही लड़ाई की वजह से आटे का यह संकट पैदा हुआ है क्योंकि पंजाब की हुकूमत का खाद्य महकमा इस बात का अंदाजा नहीं लगा सका कि कितने गेहूं का आयात किया जाए।
शहबाज शरीफ की हुकूमत इस संकट के लिए पंजाब को जिम्मेदार बता रही है। पंजाब में इमरान खान की पार्टी पीटीआई की सरकार है।
बलूचिस्तान में हालात बदतर
सबसे खराब हालत बलूचिस्तान की है क्योंकि वह आटे की अपनी जरूरतों के लिए पंजाब और सिंध पर निर्भर है। आटे की उसकी जरूरत का 85 फीसद हिस्सा उसे इन सूबों से ही मिलता है। बलूचिस्तान ने आरोप लगाया है कि पंजाब और सिंध अपने सूबे से आटा और गेहूं बाहर नहीं जाने दे रहे हैं।
गेहूं का स्टॉक खत्म
न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, बलूचिस्तान के खाद्य मंत्री ने बताया है कि उनके सूबे में गेहूं का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो गया है और उन्हें तुरंत 4,00000 बोरी गेहूं की जरूरत है। उन्होंने चेतावनी दी है वरना यह संकट बहुत ज्यादा गहरा सकता है।
बाढ़ की मार
पाकिस्तान को पिछले साल जबरदस्त बाढ़ की मार से भी गुजरना पड़ा था। बाढ़ में 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी और पाकिस्तान को इतने 10 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था। देशभर में इससे 50 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे और तब सरकार को आपातकाल का ऐलान करना पड़ा था और उसने दुनिया के तमाम मुल्कों से मदद मांगी थी।
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