पाकिस्तान नेशनल असेम्बली के नतीजों की घोषणा में देरी की वजह से इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने वोट की पवित्रता की रक्षा के लिए रविवार को देशव्यापी विरोध का आह्वान किया है। पीटीआई समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार सौ सीटों पर आगे थे। लेकिन नतीजे रोक लिए गए। पीटीआई ने चुनाव आयोग की धांधली के खिलाफ लाहौर के लिबर्टी चौक पर रविवार दिन में 2 बजे एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है। पीटीआई ने कहा कि पूरे दक्षिण पंजाब में सार्वजनिक जनादेश की वोट लूट पर एक शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जाएगा और इस डकैती को खारिज कर दिया जाएगा।
पाकिस्तान चुनाव आयोग ने 52 मतदान केंद्रों पर पुनर्मतदान का आदेश दिया है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान चुनाव आयोग ने धांधली के आरोपों के बीच करीब 52 मतदान केंद्रों पर 15 फरवरी को दोबारा मतदान कराने का आदेश दिया है।
इनमें एनए-88 के 26 मतदान केंद्र शामिल हैं। यहां के बारे में कहा जा रहा है कि "भीड़ ने कथित तौर पर रिटर्निंग अधिकारी के कार्यालय में मतदान सामग्री में आग लगा दी।" पीके-90 के 25 मतदान केंद्र भी इसमें शामिल हैं, जहां मतदान सामग्री को कथित तौर पर "नुकसान" पहुंचाया। रिपोर्ट में कहा गया है कि "अज्ञात लोगों" द्वारा मतदान सामग्री जब्त करने के बाद पीएस-18 में भी पुनर्मतदान होगा। हालांकि विपक्ष इसे चुनाव आयोग की नवाज शरीफ के लिए की जा रही धांधली बता रहा है।
पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर ने गठबंधन सरकार बनाने में मदद करने के लिए सभी प्रतिद्वंद्वियों से नवाज शरीफ की अपील का समर्थन किया है। मुनीर ने राजनीतिक दलों से "सभी लोकतांत्रिक ताकतों की एकीकृत सरकार" बनाने का आह्वान किया। अब तक कोई स्पष्ट जीत नहीं होने के कारण, शरीफ की पीएमएल-एन और इमरान खान की पीटीआई दोनों बहुमत से पीछे रह गई हैं। हालांकि शरीफ ने पहले कहा था कि उनकी पार्टी अब गठबंधन सरकार बनाने के लिए बिलावल भुट्टो की पार्टी के साथ बातचीत कर रही है। डॉन ने बाद में बताया कि पीपीपी ने इस मामले पर पीएमएल-एन और इमरान खान की पीटीआई के साथ कोई आधिकारिक बातचीत नहीं की है। तमाम मुद्दों पर दोनों प्रमुख दलों पर रस्साकशी बनी हुई है।
इस बीच, लाहौर तमाम गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। लाहौर में रविवार को दोपहर 2 बजे जहां प्रदर्शन है, वहीं चुनाव के बाद की रणनीति पर चर्चा करने के लिए पीएमएल-एन के निमंत्रण पर एमक्यूएम-पी प्रतिनिधिमंडल लाहौर पहुंच गया है। पूर्व प्रधान मंत्री नवाज शरीफ ने पीटीआई को छोड़कर, राजनीतिक दलों को एक साथ आने और गठबंधन सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। शरीफ का दावा था कि पीएमएल-एन चुनाव के बाद "सबसे बड़ी पार्टी" के रूप में उभरी है। हालांकि उनका यह दावा गलत है। उन्होंने भाई शहबाज शरीफ को पीपीपी, जेयूआई-एफ और एमक्यूएम-पी के प्रमुख तक पहुंचने का काम सौंपा था।
शनिवार रात एक टीवी चैनल से बात करते हुए पीएमएल-एन प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा कि शहबाज शरीफ और आसिफ जरदारी ने शुरुआती विचार-विमर्श किया, लेकिन दोनों गठबंधन सरकार के गठन के संबंध में अपनी पार्टियों से परामर्श करेंगे।
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