26/11 यानी मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और पाकिस्तान स्थित आतंकवादी हाफिज सईद को पाकिस्तान की अदालत ने 31 साल की कैद की सजा सुनाई है। हाफिज सईद आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा का सह-संस्थापक और एक अन्य संगठन जमात-उद-दावा का प्रमुख है। पाकिस्तानी मीडिया ने रिपोर्ट दी है कि उसको दो मामलों में यह सजा सुनाई गई है।
सईद को दोषी ठहराने वाली आतंकवाद निरोधी अदालत ने इस खूंखार आतंकी पर 3 लाख 40 हज़ार पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना भी लगाया है। रिपोर्टों में संकेत दिया गया है कि हाफिज सईद द्वारा कथित तौर पर बनाई गई एक मसजिद और मदरसे को कब्जे में ले लिया जाएगा।
हाफिज सईद को आतंकवाद निरोधी अदालत पहले भी जेल भेज चुकी है। 2020 में उसके ख़िलाफ़ आतंकी वित्तपोषण के कई मामलों में से एक में उसे 15 साल से अधिक जेल की सजा सुनाई गई थी।
सईद ने कई आतंकी हमलों की योजना बनाई और उसे वित्तपोषित किया था। वह 2008 में मुंबई में हुए भयावह हमलों का मास्टरमाइंड था। 2008 में आतंकवादी हमलों की एक श्रृंखला में लश्कर-ए-तैयबा के 10 सदस्यों ने चार दिन तक 12 जगहों पर शूटिंग और बमबारी की थी। उस हमले में 166 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए थे।
हाफिज सईद को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा विशेष रूप से वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित किया गया है। उसे दिसंबर 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत आतंकवादी सूचीबद्ध किया गया था।
हाफिज ने पाकिस्तान में अलग-अलग रूपों में नजरबंदी में कई साल बिताए हैं। उसे 2019 में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका यात्रा से ठीक पहले गिरफ्तार किया गया था। उस वक़्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने कहा था कि सईद को 10 साल की तलाशी के बाद हिरासत में लिया गया। अमेरिकी सरकार की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2001 के बाद हाफिज सईद को 8 बार गिरफ़्तार और रिहा किया गया था।
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