अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान से उसके आख़िरी सैनिक भी लौट गए हैं और उसका 20 साल पहले उस देश में शुरू हुआ अभियान अब ख़त्म हो गया है।
इसलामिक स्टेट खुरासान का मक़सद पहले मध्य पूर्व और उसके बाद भारत में इसलामी ख़िलाफ़त की स्थापना करना है। पर क्या होता है इसलामी ख़िलाफ़त? पढ़े प्रमोद मल्लिक का यह लेख।
अमेरिका ने रविवार को काबुल स्थित इसलामिक स्टेट खुरासान के ठिकाने पर ड्रोन से मिसाइल हमला किया। अमेरिका ने पहले ही चेतावनी देकर कहा था कि इसलामिक स्टेट एक बार फिर काबुल में कहीं हमला कर सकता है।
भारत की अध्यक्षता में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक बयान में 'तालिबान' शब्द हटा दिया है। इससे संयुक्त राष्ट्र और भारत के रवैए में बदलाव का संकेत मिल रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ही आशंका जताई है कि काबुल एयरपोर्ट पर और भी धमाकों की आशंका है। आतंकवादी हमलों और इसकी आशंकाओं ने अफ़ग़ानिस्तान से लोगों को निकालने की प्रक्रिया में अड़चनें पैदा की हैं।
काबुल में स्थित अमेरिकी दूतावास ने कहा है कि हमारे जो भी नागरिक एबे गेट, ईस्ट गेट, नार्थ गेट या फिर नए मंत्रालय के गेट पर हैं, वे वहां से तुरंत दूर चले जाएं।
अमेरिका के 68 सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडन से पूछा है कि वे बताएं कि उनके पास इस बात की क्या योजना है तालिबान पाकिस्तान को अस्थिर कर उससे परमाणु हथियार न हासिल कर ले।
काबुल हवाई अड्डे पर हुए धमाकों से यह संकेत मिलता है कि इसलामिक स्टेट अब वहां पहले से अधिक मजबूती से उभर कर आ सकती है और तालिबान के ख़िलाफ़ बड़े पैमाने पर हिंसा फैला सकती है। पढ़ें, प्रमोद मल्लिक का यह लेख।
काबुल एयरपोर्ट पर आत्मघाती हमले के लिए दोषियों से अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बदला लेने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि वह दोषियों को ढूंढ निकलाएंगे और सबक़ सिखाएँगे। इस हमले में 13 अमेरिकी मारे गए हैं।
काबुल एयरपोर्ट पर गुरुवार शाम हुए दो धमाकों में अफ़ग़ानिस्तान के क़रीब 160 सिख और हिंदू नागरिक बाल-बाल बच गए। वे सभी भी अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकलने के प्रयास में लगातार एयरपोर्ट पर रहे थे।
काबुल हवाई अड्डे के बाहर गुरुवार शाम दो जबरदस्त बम धमाके हुए, उसके बाद गोलियाँ चलीं, जिनमें अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है। आईएसआईएस ने इस विस्फोट की ज़िम्मेदारी ली है।
तालिबान ने तीन मंत्री नियुक्त किए हैं, जिनमें दो दागी हैं। रक्षा मंत्री उस व्यक्ति को बनाया गया है जो आतंकवादियों के लिए बदनाम ग्वांतोनामो जेल में बंद थे।