रूस के लुहान्स्क और दोनेत्स्क को मान्यता देने के बाद यह संकट काफी बड़ा हो गया है। रूस पर तमाम तरह के प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं हालांकि अमेरिका ने कहा है कि इस मामले में कूटनीतिक दरवाजे अभी भी खुले हुए हैं।
पूर्वी यूक्रेन के लुहान्स्क और दोनेत्स्क क्षेत्र को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की ताज़ा घोषणा के क्या मायने हैं? क्या हमले की शुरुआत हो गई है?
यूक्रेन में जब से रूसी हमले की आशंका जताई जा रही है तब से एक सवाल पूछा जा रहा है कि क्या रूस मिंस्क समझौते का उल्लंघन करेगा? आख़िर यह मिंस्क समझौता क्या है?
लुहान्स्क और दोनेत्स्क में रहने वाले लोग रूस के समर्थक हैं। इन्हें यूक्रेन में अलगाववादी भी कहा जाता है क्योंकि ये चाहते हैं कि यूक्रेन रूस का हिस्सा बन जाए।
भारत ने कहा है कि इस संकट में आम लोगों की हिफाजत सबसे बड़ा मुद्दा है। इस संकट के दौरान ही भारत और तमाम देशों ने अपने नागरिकों से अपील की थी कि वे यूक्रेन को छोड़ दें।
रूस की ओर से पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादी इलाकों को आजाद देश के तौर पर मान्यता देने के बाद अमेरिका ने लुहान्स्क और दोनेत्स्क के साथ व्यापार और निवेश पर रोक लगाने का फैसला लिया है।
पाकिस्तान के 1400 लोगों के पैसे स्विस बैंक में रखे हुए हैं। इनमें आईएसआई के पूर्व अधिकारियों के साथ साथ सेना के अधिकारी भी शामिल हैं। इससे यह भी पता चलता कि अमेरिका और सऊदी अरब ने आईएसआई के जरिए अफगानिस्तान में टेरर फंडिंग की।
क्या पुतिन बाइडेन से बातचीत को लेकर पीछे हट रहे हैं? क्या वह यूक्रेन पर हमला करने की तैयारी में हैं? हालांकि अमेरिका और यूरोपीय देश रूस को चेता चुके हैं कि अगर उसने यूक्रेन पर हमला किया तो उसे इसके गंभीर नतीजे भुगतने होंगे।
यूक्रेन संकट क्या है? क्या इसके बहाने रूस की वैश्विक ताक़त बनने की नयी योजना है और वह सोवियत यूनियन दौर की वापसी चाहता है या फिर यूक्रेन के एक क्षेत्र को अलग कराने का मामूली निशाना?
यूक्रेन पर रूस के हमले की आशंका आज और बढ़ गई। भारत ने अपने दूतावास के अफसरों के परिवार से भारत लौटने को कहा है। इस बीच फ्रांस युद्ध रुकवाने की आखिरी कोशिश में आज जुट गया है।