भारत के अलावा चीन और यूएई ने भी वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया। पश्चिमी देशों ने कहा कि यह प्रस्ताव दिखाता है कि यूक्रेन पर हमले के बाद रूस वैश्विक दुनिया में पूरी तरह अलग-थलग पड़ गया है।
जिस तरह रूस और यूक्रेन की सेनाएं आमने-सामने हैं और भयंकर युद्ध चल रहा है, उससे आम लोग वहां बुरी तरह फंस गए हैं और उन्हें वहां से सुरक्षित निकाल पाना भी बेहद कठिन है।
व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ लंदन, बेरूत, लॉस एंजेलिस, मॉस्को, टोक्यो, जेरूसलम आदि शहरों में हुए हैं। इन प्रदर्शनों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे हैं।
अमेरिका ने कहा है कि नए प्रतिबंधों से रूस के वित्तीय ढांचे पर चोट पड़ेगी और वह आगे भी इस तरह की कार्रवाई करता रहेगा। लेकिन रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है।
हमले के दूसरे दिन रूसी सैनिक यूक्रेन की राजधानी कीव के नज़दीक पहुँच गए हैं, लेकिन यूक्रेनी सेना से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही है।जानिए, शुक्रवार को दिनभर कैसे चले घटनाक्रम।
प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन के साथ बातचीत में यूक्रेन में रह रहे भारतीयों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और कहा कि वहां फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाना उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है।
यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए नई एडवाइजरी जारी की गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी सरकार से कहा कि यूक्रेन में फंसे 20 हजार भारतीयों को सुरक्षित निकाला जाए।
वोलीदिमीर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन अपनी रक्षा करेगा लेकिन यूक्रेन के अंदर हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं और दोनों देशों की सेनाएं आमने सामने आ गई हैं।