क्या गर्मियाँ आने से कोरोना वायरस ख़त्म या कम हो जाएगा? या आपको एक मंत्री के उस बयान पर भरोसा है जिसमें वह कहते हैं '15 मिनट धूप सेंकिए और कोरोना वायरस को दूर भगाइए'? यदि आप ऐसा समझते हैं तो ज़रा इस रिपोर्ट को पढ़िए।
ब्रिटेन से छपने वाले अख़बार ‘द इंडिपेंडेंट’ के अनुसार, दो अप्रैल को एक ख़बर छपी कि चीन से फ्रांस जा रहा मास्क का एक कनसाइनमेंट बीच में ही गायब हो गया और अमेरिका पहुँच गया।
अकेले जीना मुश्किल है और मरने के वक़्त अकेले रहना शायद और भी पीड़ादायक। कोरोना वायरस के संक्रमण के ख़तरे ने यह अहसास दिला दिया है। क्या मरने के वक़्त अकेले होने का डर इस कोरोना वायरस से कम होगा?
कोरोना वायरस से अमेरिका उस मुहाने पर खड़ा है जहाँ उसे सिर्फ़ तबाही दिख रही है। बड़ी संख्या में लोगों की मौत की आशंका है। इस मामले में ट्रंप की क्या भूमिका है?
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की बेवक़ूफ़ी की बड़ी भारी क़ीमत उनका देश चुका रहा है। उनकी बेवक़ूफ़ी का एक और ताज़ा उदाहरण सामने आया है। ट्रंप अब मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोजाइक्लोरोक्वीन के ‘चमत्कार’ के बारे में बात कह रहे हैं।
यदि कहें कि कोरोना वायरस से लड़ने में भारत को जर्मनी से सीख लेनी चाहिए तो पहली नज़र में शायद आप चौंक जाएँ। ऐसा इसलिए कि जर्मनी में पॉजिटिव केस ज़्यादा हैं तो क्या लेकिन वहाँ मृत्यु दर काफ़ी कम है।
दुनिया भर में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या एक मिलियन यानी 10 लाख पार कर गई है। पूरी दुनिया इसकी चपेट में है। तो सवाल है कि एक शहर से यह पूरी दुनिया में आख़िर कैसे पहुँच गया?