शार्ली एब्दो के कार्टून विवाद के बीच हिंसा की ख़बरों के बीच ही फ्रांस के लियोन शहर में एक चर्च के बाहर पादरी को गोली मार दी गई। न तो हमलावर की पहचान हो पाई है और न ही हमले के पीछे की वजह का पता चल पाया है।
कई मुसलिम-बहुल राष्ट्रों के तीखे विरोध और निजी हमले के बावजूद अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मुद्दे पर फ़्रांसीसी राष्ट्रपति के अड़े रहने से कई सवाल खड़े होते हैं। क्या यह वाकई यूरोपीय और इसलामी सभ्यताओं का संघर्ष है?
क्या अमेरिका में गृहयुद्ध की तैयारियाँ चल रही हैं? क्या वहाँ बड़े पैमाने पर चुनाव पश्चात ख़ून-ख़राबा की आशंका है? क्या राष्ट्रपति और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनल्ड ट्रंप वाकई चुनाव नतीजा उनके अनुकूल नहीं होने पर उसे नहीं मानेंगे और पद से नहीं हटेंगे?
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी के आला नेताओं की चार दिनों तक चले सालाना अधिवेशन के बाद 29 अक्टूबर को जो नतीजे घोषित किये गए हैं उससे साफ हुआ है कि चीन की सत्ता पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की पकड़ मजबूत बनी हुई है।
फ्रांस उबल रहा है। मुसलिम देश बेचैन हैं। दोनों के अपने-अपने तर्क हैं- अभिव्यक्ति की आज़ादी का और धार्मिक भावनाएँ आहत होने का। इसकी शुरुआत शार्ली एब्दो के कार्टून से हुआ था। क्या फ्रांस का अभिव्यक्ति की आज़ादी का तर्क सही है?
फ्रांस के शहर नीस में गिर्जाघर के अंदर प्रार्थना कर रहे तीन ईसाइयों पर हमला कर उनकी हत्या कर दी गई है। इस हमले में एक महिला की गला काट कर कत्ल किया गया है और दो पर चाक़ू से वार किया गया है।
भले ही कोरोना संक्रमण के प्रति आप ऐसे अभ्यस्त हो गए हों कि यह आपको इससे फर्क न पड़ता हो, लेकिन पूरी दुनिया फिर और ज़्यादा गंभीर चपेट में है। पहली बार एक दिन में 5 लाख से ज़्यादा संक्रमण के मामले आए।
फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों को लेकर जो हत्याकांड पिछले दिनों हुआ, उसका धुंआ अब सारी दुनिया में फैल रहा है। फ़्रांस सहित कई यूरोपीय देशों में प्रदर्शन हो रहे हैं तो इसलामी राष्ट्र विरोध में हैं।
फ़्रांस में पैगंबर मुहम्मद के विवादित और आपत्तिजनक कार्टून दिखाने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जोड़ने के मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। इसलामी देशों ने फ्रांसीसी उत्पादों के बहिष्कार की अपील कर दी है।
फ्रांस में कोरोना संक्रमण नियंत्रित हो गया तो 27 मई को एक दिन में सिर्फ़ 191 नये केस आए थे। 25 अक्टूबर को एक दिन में 52 हज़ार से ज़्यादा केस आए हैं। यह एक दिन में फ्रांस में सबसे ज़्यादा केस है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर आ चुकी है।
पिछले दिनों पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट या पीडीएम के नाम से बना गठबंधन वैसे तो एक दूसरे की मुख़ालिफ़ सियासी पार्टियों का जोड़ है, पर सेना के प्रति ग़ुस्सा उन्हें एक किये हुये है। क्या इमरान ख़ान की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है?