वैक्सीन पर ख़ुशख़बरी है। वैक्सीन आख़िरकार इंसानों को अब लगने लगेगी। ब्रिटेन पहला देश बन गया है जहाँ फाइजर वैक्सीन को हरी झंडी मिल गई है। अगले हफ़्ते से यह टीका लगाया जाने लगेगा।
ईरान के परमाणु-वैज्ञानिक मोहसिन फख्रीजाद की हत्या एक ऐसी घटना है, जो ईरान-इस्राइल संबंधों में तो भयंकर तनाव पैदा करेगी ही, यह बाइडन-प्रशासन के रवैए को भी प्रभावित कर सकती है।
फुटबॉल के महान खिलाड़ी डिएगो माराडोना का निधन हो गया। वह 60 साल के थे। उन्हें दिल का दौरा पड़ा था। रायटर्स और एएफ़पी ने इस ख़बर की पुष्टि की है। माराडोना को सर्वकालिक महान फुटबॉलर कहा जाता है।
अमेरिका के भावी राष्ट्रपति जो बाइडन का रास्ता साफ़ हो गया है। डोनल्ड ट्रंप ने आख़िरकार सत्ता हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू करने की हामी भर दी है। जीएसए ने जो बाइडन को सोमवार को साफ़ तौर पर विजेता घोषित कर दिया है।
भूटान की सीमा के अंदर चीन के एक गाँव बसाने की ख़बर को भूटान सरकार ने खारिज कर दिया। लेकिन अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षक दावा कर रहे हैं कि चीन ने गाँव बसाया है। सच है तो भूटान सरकार इसे स्वीकार क्यों नहीं कर रही है?
कोरोना दुनिया भर में फिर तेज़ी से फैल रहा है। पहले से कहीं ज़्यादा। इसलिए पहले से कहीं ज़्यादा सख़्ती है। दिल्ली में ही मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना बढ़ाया गया। ऑस्ट्रेलिया में सख़्त लॉकडाउन है। यूरोप और अमेरिका में स्कूल बंद किए गए।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की पत्नी और अमेरिका की फर्स्ट लेडी रहीं मिशेल ओबामा ने आसान सत्ता हस्तांतरण नहीं करने पर डोनल्ड ट्रंप की तीखी आलोचना की है। उन्होंने ट्रंप और मेलानिया ट्रंप को ओबामा कार्यकाल याद दिलाया है।
मॉडर्ना वैक्सीन के प्रभावी होने की रिपोर्ट भले ही उम्मीद जगाए, लेकिन कोरोना की दूसरी लहर ने दुनिया के सामने चिंता बढ़ा दी है। इसमें भी अमेरिका और यूरोप तो गंभीर संकट में हैं। अमेरिका में एक दिन पहले ही 1 लाख 66 हज़ार नये मामले आए।
कोरोना टीका के इंसानों पर ट्रायल करने में सबसे आगे रहने वालों में से एक मॉडर्ना ने अब कोरोना टीका के 94.5 फ़ीसदी प्रभावी होने का दावा किया है। शोध कर्ताओं ने कहा है कि यह परिणाम उनकी कल्पनाओं से भी बेहतर रहा।
ऐसे समय जब डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडन 306 इलेक्टोरल वोटों के साथ राष्ट्रपति का चुनाव जीत गए हैं, राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के हजारों समर्थकों ने जुलूस निकाल कर दावा किया है कि चुनाव तो ट्रंप ने जीता है।
क्या पाकिस्तान चीनी क़र्ज़ के जाल में फँसता जा रहा है, जहाँ से निकलना उसके लिए बेहद मुश्किल होगा? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है कि इसलामाबाद ने चीन से 2.7 अरब डॉलर के क़र्ज़ की गुजारिश की है।