अपनी हुकूमत के लिए मुश्किलें बढ़ती देख पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान ने तमाम क़दम उठाने शुरू कर दिए हैं। इमरान ने अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक़-ए-इंसाफ़ यानी पीटीआई के सांसदों से कहा है कि वह नेशनल एसेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वोटिंग से दूर रहें। विपक्षी दलों के द्वारा नेशनल एसेंबली में इमरान की हुकूमत के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा चुका है और इस पर आने वाले 3 से 4 दिन के अंदर वोटिंग हो सकती है।
यह अविश्वास प्रस्ताव नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज़ शरीफ की ओर से लाया गया था।
पीटीआई के सदर होने के नाते इमरान खान ने अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग वाले दिन पार्टी के सांसदों के लिए खत जारी कर निर्देश दिए हैं। सांसदों को सख्त हिदायत दी गई है कि अगर हिदायतों की मुखालफत की गई तो इसे पाकिस्तान के आईन के आर्टिकल 63ए के तहत दलबदल की तरह माना जाएगा।
इमरान ने खत में कहा है कि पीटीआई के सभी सांसद हिदायतों को ध्यान में रखें और उनका पालन करें।
50 मंत्री ग़ायब!
बता दें कि पाकिस्तान में विपक्षी दलों के गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट यानी पीडीएम ने इमरान के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। उधर, पाकिस्तानी मीडिया की खबरों के मुताबिक, पीटीआई के 50 मंत्री अवाम के बीच नहीं दिखाई दे रहे हैं। पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने यह खबर दी है। इन 50 मंत्रियों में से 25 केंद्रीय सरकार के मंत्री हैं। इसके अलावा राज्य सरकारों के सलाहकार, विशेष सहयोगी और चार मंत्री राज्य सरकार के भी हैं।
इस बीच इमरान खान ने एक और सहयोगी दल जम्हूरी वतन पार्टी को भी खो दिया है। इस पार्टी के मुखिया शहजैन बुगती ने कहा है कि वह अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट डालेंगे।
कुल मिलाकर इमरान खान की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं और विपक्षी नेताओं मरियम नवाज, शहबाज शरीफ, बिलावल जरदारी भट्टो, फजलुर रहमान सहित अन्य नेताओं ने उनकी मुश्किलों में इजाफा किया हुआ है।
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