पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को मंगलवार को बड़ी राहत मिली है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की कार्यवाहक सरकार ने अल अज़ीज़िया स्टील मिल केस में उनकी सज़ा को निलंबित कर दिया है।
नवाज शरीफ पिछले शनिवार को चार साल बाद पाकिस्तान लौटे हैं। अब इस केस में उन्हें राहत मिलने के बाद माना जा रहा है कि उनके लिए प्रधानमंत्री बनने की राह आसान हो गई है।
इस मामले में अब नवाज शरीफ की ग़िरफ़्तारी नहीं हो सकेगी। गिरफ्तारी से छूट के बाद अब वे आगामी चुनाव में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले सकेंगे।
पाकिस्तान के जिओ न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को अल-अजीजिया मामले में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ की सजा को पंजाब कैबिनेट ने निलंबित कर दिया है।
कार्यवाहक सूचना मंत्री आमिर मीर ने पंजाब प्रांत की कैबिनेट के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह निर्णय आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) की धारा 401 के तहत अपनी संवैधानिक शक्तियों का प्रयोग करते हुए लिया गया।
यह धारा किसी भी अपराधी को माफ करने के लिए भी अधिकृत करती है। आमिर मीर ने बताया कि पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ ने पंजाब कैबिनेट से उनकी सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया था।
अल-अजीजिया केस में ठहराया गया था दोषी
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को एवेनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में दोषी ठहराया जा चुका है। उन्हें तोशाखाना वाहन मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था। ये केस फिलहाल इस्लामाबाद की अदालत में लंबित है। इन मामलों में नवाज जमानत पर थे। 2019 में उन्हें चिकित्सा आधार पर ब्रिटेन जाने की अनुमति मिली थी। करीब 4 वर्ष से वह लंदन में रह रहे थे।
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शनिवार को पाकिस्तान लौटे थे नवाज
4 वर्षों का निर्वासित जीवन जीने के बाद नवाज शरीफ बीते शनिवार को पाकिस्तान लौटे थे। पाकिस्तान लौटने के बाद उन्होंने लाहौर में एक विशाल रैली को संबोधित किया था। उनके पाकिस्तान लौटने पर लाखों की संख्या में उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया था।रोड शो और रैली कर के उन्होंने आपनी शक्ति का प्रदर्शन किया था। देश लौटने के तुरंत बाद लाहौर के मीनार-ए-पाकिस्तान में अपनी पहली रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने संदेश दे दिया था कि आने वाले दिनों में वह पाकिस्तान की राजनीति में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने वाले हैं।
उनके पाकिस्तान लौटने के बाद से राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब वह प्रधानमंत्री बन सकते हैं। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी फौज का उन्हों समर्थन प्राप्त है।
फौज पाकिस्तान की बदहाल हो चुकी अर्थव्यवस्था और पाकिस्तान में राजनैतिक स्थिरता के लिए किसी अनुभवी राजनेता को सत्ता में देखना चाहती है। पाकिस्तान की राजनीति में इन दिनों फौज फिर से किंग मेकर बनी हुई है। ऐसे में वह जिसे चाहेगी उसका प्रधानमंत्री बनना तय माना जा रहा है।
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