प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिन के यूरोप दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। बीते दो महीनों के दौरान इस युद्ध की वजह से रूस पर दुनिया के कई देशों ने आर्थिक व दूसरे प्रतिबंध लगा दिए हैं जबकि भारत का रूस को लेकर रूख नरम रहा है आर भारत मसले को बातचीत के जरिए सुलझाने की वकालत करता रहा है।
इधर, भारतीय समुदाय के लोगों से मिलने की तसवीरें ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, 'बर्लिन में सुबह का समय था फिर भी भारतीय समुदाय के कई लोग आए। उनके साथ जुड़ना अद्भुत था। भारत को अपने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों पर गर्व है।'
It was early morning in Berlin yet several people from the Indian community came by. Was wonderful connecting with them. India is proud of the accomplishments of our diaspora. pic.twitter.com/RfCyCqJkPY
— Narendra Modi (@narendramodi) May 2, 2022
यूरोप के कई देशों ने भी यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह दौरा और भी अहम हो जाता है।
भारत की कोशिश इन देशों के साथ अपने संबंधों को बेहतर करने की होगी लेकिन इसमें यूरोप के देशों से रूस के रिश्ते भी एक बहुत बड़ा पहलू होगा। प्रधानमंत्री इस दौरान बर्लिन के अलावा कोपेनहेगन भी जाएंगे और वहां डेनमार्क के प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे।
साल 2021 में भारत और जर्मनी ने अपने राजनीतिक रिश्तों के 70 साल पूरे कर लिए थे।
रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से बातचीत कर युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करने की अपील कर चुके हैं। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच ही चीन और रूस के विदेश मंत्री भी भारत आए थे और इस दौरान बातचीत में रूस-यूक्रेन युद्ध एक अहम मसला रहा।
अपनी राय बतायें