loader
एजाज़ अहमद, पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री

पाकिस्तान के मंत्री ने माना कि आतंकवादी संगठन पर लाखों ख़र्च किये

पाकिस्तान दुनिया के सामने भले ही कितने दावे कर ले कि वह आतंकवाद का समर्थन नहीं करता लेकिन यह सच है कि वह हमेशा से ही आतंकवाद और आतंकवादियों का पोषण करता रहा है और उसी देश की सरकार में शामिल लोगों ने इसे समय-समय पर साबित भी किया है। कुछ समय पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने भी यह माना था कि पाकिस्तान में 40 से ज़्यादा आतंकवादी संगठन चल रहे थे और उनके देश ने अमेरिका को इसकी जानकारी नहीं दी थी और अब इमरान ख़ान की सरकार के गृह मंत्री ने भी कुछ ऐसा बयान दिया है जिससे यह साबित होता है कि आतंकवाद से लड़ने के उसके दावे झूठे हैं। 

पाकिस्तान के आंतरिक मामलों या गृह विभाग के मंत्री एजाज़ अहमद ने इस बात को स्वीकार किया है उनके देश ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जमात-उद-दावा पर लाखों रुपये ख़र्च किये हैं। बता दें कि जमात-उद-दावा का मुखिया हाफ़िज़ सईद है और यह वही हाफ़िज़ सईद है जो भारत में 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड है। 

ताज़ा ख़बरें

संयुक्त राष्ट्र हाफ़िज़ सईद को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर चुका है। भारत ने मुंबई हमले के संबंध में पाकिस्तान को कई बार डोजियर सौंपे लेकिन पाकिस्तान ने कभी भी इस आतंकी सगरना के ख़िलाफ़ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। 

समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, एजाज़ अहमद ने पाकिस्तानी टीवी चैनल हम न्यूज़ के साथ बातचीत में कहा, ‘हमने जमात-उद-दावा पर लाखों रुपये खर्च़ किये हैं। हमें ग़ैरक़ानूनी घोषित किये गये इस संगठन के सदस्यों को आतंकवाद से हटाकर उन्हें मुख्य धारा में लाने की आवश्यकता है।’ 

पिछले साल अक्टूबर में एक बार फिर पाकिस्तान का यह सच उजागर हुआ था कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ उसकी कोई भी कार्रवाई महज दिखावा है। तब पाकिस्तान के धार्मिक मामलों के मंत्री नूरुल हक़ क़ादरी ने हाफ़िज़ सईद के साथ एक सभा में मंच साझा किया था। पाकिस्तान के क़रीब 40 धार्मिक समूहों की संस्था 'दिफ़ा-ए-पाकिस्तान काउंसिल' के इस कार्यक्रम में इमरान के मंत्री पहुँचे थे। यह संस्था भी हाफ़िज़ सईद ने 2011 में बनायी थी। हैरानी तब हुई थी जब अपने भाषण में क़ादरी ने साफ़-साफ़ बताया था कि वह प्रधानमंत्री इमरान ख़ान के निर्देश पर ही वहाँ आये हैं। 

दुनिया से और ख़बरें
दिसंबर 2018 में एक और वाक़या हुआ था जब एक और पाकिस्तानी मंत्री शहरयार आफ़रीदी का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह हाफ़िज़ सईद का पूरी तरह बचाव करते दिखाई दिये थे। 

एएनआई के मुताबिक़, एजाज़ अहमद ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पाकिस्तान पर भरोसा नहीं करता है। एजाज़ ने कहा, ‘हम कहते हैं कि भारत ने कश्मीर में कर्फ़्यू लगाया है और जम्मू-कश्मीर के लोगों को दवाएँ नहीं दी जा रही हैं। लोग हम पर भरोसा नहीं करते लेकिन वे उन पर (भारत) भरोसा कर लेते हैं। लोग सोचते हैं कि हम कोई गंभीर देश नहीं हैं।’ 

पाकिस्तान भयंकर आर्थिक बदहाली झेल रहा है और उस पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स (एफ़एटीएफ़) की ब्लैक लिस्ट में डाले जाने का ख़तरा मंडरा रहा है।

एफ़एटीएफ़ की ब्लैक लिस्ट में आने के डर से पाकिस्तान ने इस साल 17 जुलाई को हाफ़िज़ सईद को गिरफ़्तार कर लिया था और उसे लाहौर की कोट लखपत जेल में भेज दिया था। तब पाकिस्तान ने कहा था कि उसने हाफ़िज़ सईद और उसके 12 अन्य साथियों पर आतंकवाद के लिए धन उपलब्ध कराने के मामले में केस दर्ज किया है और उसके पास इसके पुख़्ता सबूत हैं। 

कुछ दिन पहले ही भारत सरकार ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अज़हर, हाफ़िज़ सईद, लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर ज़की-उर-रहमान लखवी और दाऊद इब्राहिम को यूएपीए क़ानून के तहत आतंकवादी घोषित किया था।

'हिंदुस्तान टाइम्स' को खु़फ़िया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़, पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी संगठनों के ख़िलाफ़ की गई कार्रवाई जिनमें जमात-उद दावा पर भी की गई कार्रवाई शामिल है, यह पूरी तरह दिखावा है क्योंकि पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलीजेंस (आईएसआई) ने जैश-ए-मुहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का इस्तेमाल 17 सितंबर को होने वाली संयुक्त राष्ट्र आम सभा की बैठक से पहले कश्मीर में अशांति फैलाने के लिए करने की योजना बनाई है। एक ताज़ा ख़ुफ़िया जानकारी के मुताबिक़, जैश-ए-मुहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अज़हर को आतंकवादी ऑपरेशन की योजना बनाने के लिए गुपचुप तरीक़े से रिहा किया जा चुका है। 

8 सितंबर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी कहा था कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई द्वारा समर्थित 230 आतंकवादी सीमा पर दिखाई दिये हैं। 

संबंधित ख़बरें
एफ़एटीएफ़ की बैठक अक्टूबर में होनी है और अगर पाकिस्तान 27 बिंदुओं वाले एक्शन प्लान को पूरा करने में सफल नहीं हुआ तो यह संस्था उसे ब्लैक लिस्ट कर सकती है। एफ़एटीएफ़ ने हाल ही में बेहद सख़्त शब्दों में पाकिस्तान से कहा था कि वह आतंकवादी समूहों की फ़ंडिंग को रोकने के लिए अपनी कार्य योजना को लागू करे। एफ़एटीएफ़ कह चुका है कि पाकिस्तान आतंकवाद को मिलने वाले आर्थिक समर्थन को रोकने में नाकाम रहा है। 
बहरहाल, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और मंत्रियों के बयानों से इतना तो साफ़ ही है कि पाकिस्तान आतंकवाद और आतंकवादियों का समर्थन करता रहा है और अब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने के बाद से वह बौखलाया हुआ है। ऐसी ख़बरें हैं कि इस मामले में वह आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की अपनी पुरानी रणनीति पर काम कर सकता है लेकिन भारतीय सेना भी उसे मुँहतोड़ जवाब देने के लिए सीमा पर तैनात है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें