loader

इटली में हालत इतनी ख़राब कि कोरोना वायरस पीड़ितों को मरने के लिए छोड़ दें!

कोरोना वायरस से इटली में क्या हालत इतनी ख़राब हो गई है कि यह कहा जाए कि पीड़ित व्यक्ति को मरने के लिए छोड़ दिया जाए? ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट है कि इटली के एक शहर के मेयर ने शिकायत की है कि डॉक्टरों को जबरन यह कहा गया है कि ज़्यादा बुजुर्ग लोगों का इलाज नहीं किया जाए और उन्हें मरने दिया जाए। एक अन्य शहर से रिपोर्ट है कि कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों में न्यूमोनिया होने के बाद उन्हें घर भेजा जा रहा था। तो क्या इटली से कोरोना वायरस नहीं संभल रहा है?

जब भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव के कुछ गिने-चुने केस ही आए थे तब भारत आए एक साथ इटली के 16 पर्यटकों में इसकी पुष्टि होने पर पूरा देश सहम गया था। इसके साथ ही भारत में कोरोना वायरस पॉजिटिव केसों की संख्या बढ़कर 28 हो गई थी और अब यह संख्या बढ़कर 83 हो गई है। अब उसी इटली में इस वायरस का कहर ऐसा है कि फ़िलहाल सबसे ज़्यादा पॉजिटिव केस इटली में ही हैं। चीन से भी ज़्यादा। चीन में जहाँ फ़िलहाल क़रीब 12 हज़ार पॉजिटिव केस हैं तो इटली में क़रीब 15 हज़ार लोग इससे पीड़ित हैं। हालाँकि चीन में कुल पॉजिटिव केस 80 हज़ार से ज़्यादा आए, लेकिन इनमें से 65 हज़ार से ज़्यादा लोग पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। जबकि इटली में कुल मामले 17 हज़ार से ज़्यादा हैं और 1200 से ज़्यादा लोग ठीक हो गए हैं। इटली में कोरोना वायरस का खौफ ऐसा है कि लोगों का घर से निकलना भी दूभर हो गया है। सरकार की तरफ़ से सख्त पाबंदी लगाई गई है। 

सम्बंधित ख़बरें

विकसित देशों में गिने जाने वाले इटली की ऐसी हालत क्यों है? वह भी तब जब माना जाता है कि विकसित देशों में स्वास्थ्य व्यवस्था अपेक्षाकृत बेहतर होती है और स्वास्थ्य सुविधाएँ भी। ऐसा भी माना जाता है कि कोरोना वायरस जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटने में ऐसे देश बेहतर साबित होते हैं। जब चीन जैसे देश ने कोरोना वायरस से काफ़ी अच्छे से निपटा है वहीं इटली ऐसा क्यों नहीं कर पा रहा है? 

चीन के बाद सबसे ज़्यादा मौतें इटली में ही हुई हैं। चीन में जहाँ 3189 लोगों की मौत हुई है वहीं इटली में 1266 लोगों की। इटली में एक दिन पहले ही एक दिन में सबसे ज़्यादा 250 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है। इटली में हालत बिगड़ने का ही नतीजा है कि अब विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी का केंद्र अब यूरोप हो गया है। पहले यह चीन में था। चीन ही वह देश है जिसके वुहान शहर में इस वायरस का पहला मामला सामने आया था। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि हर रोज़ अब यूरोप में उतने पॉजिटिव केस आ रहे हैं जितने केस चीन में भी कभी नहीं आए थे। चीन को छोड़ दें तो यूरोप में इतनी मौतें हुई हैं जितनी बाक़ी दुनिया में भी नहीं।

यूरोप में इटली के बाद स्पेन में इस वायरस के क़रीब 5200, जर्मनी व फ्रांस में 3600-3600, स्विट्ज़रलैंड में 1100, नॉर्वे में 1000, स्वीडन, निदरलैंड्स और डेनमार्क में 800-800 पॉजिटिव मामले आए हैं। कई अन्य देशों में भी कई मामले आए हैं। यानी इटली में उतने मामले आए हैं जितने यूरोप के बाक़ी के देशों में हैं। बता दें कि दुनिया भर में 1 लाख 45 हज़ार से ज़्यादा पॉजिटिव केस आए हैं और 5400 से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 

इटली में स्थिति जब काफ़ी बिगड़ गई तो सरकार जागी। स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया। कई तरह की पाबंदियाँ लगाई गईं। हॉस्पिटलों को हाई अलर्ट पर रखा गया।

रिपोर्टों में कहा गया है कि उत्तरी इटली में स्थिति ज़्यादा ख़राब है। प्रभावित क्षेत्रों में सिर्फ़ सुपरमार्केट और और मेडिकल स्टोर ही खुले हैं। नियम ऐसा बनाया गया है कि परिवार से सिर्फ़ एक व्यक्ति ही खरीदारी करने बाहर जा सकता है। बाहर घुमने वाले लोगों को पुलिस टिकट देती है।

इन मार्केट के बाहर कई बार लाइन लग जाती है क्योंकि उतने लोगों को ही बाज़ार में घुसने की अनुमति दी जाती है जिससे कि लोगों के बीच कम से कम 1 मीटर का फासला हो।

मिलान शहर के क़रीब बर्गामो में अपने परिवार के साथ रह रही अमेरिकी नागरिक क्रिस्टिना हिगिंस ने 'सीएनएन' से बातचीत में कहा कि ऐसी ज़रूरी पाबंदी वाले इस देश में रहना खौफ़ में रहने के बराबर है। ज़िंदगी सरकारी नियमों में कैद है। लोगों को एक फ़ॉर्म भरना ज़रूरी है कि संबंधित व्यक्ति आख़िर बाहर क्यों गया था।

हालाँकि हिगिंस यह भी कहती हैं कि हर कोई नियमों का पालन नहीं कर रहा है और उनके पड़ोस में रहने वाली एक महिला कोरोना वायरस पॉजिटिव है और वह लोगों के बीच गई थी।

ताज़ा ख़बरें

अब स्थिति ऐसी आ गई है कि इटली में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए चीन उसको मदद भेज रहा है। 'अल जजीरा' की रिपोर्ट के अनुसार, रेड क्रॉस सोसाइटी ऑफ चीन द्वारा चीन की नौ चिकित्सा स्टाफ़ की एक टीम क़रीब 30 टन उपकरणों के साथ इटली पहुँची। इटली रेड क्रॉस के प्रमुख, फ्रांसेस्को रोक्का ने कहा, 'गंभीर स्थिति के इस क्षण में बड़ी कठिनाई से हमें इस आपूर्ति से राहत मिली है। यह सच है कि यह केवल अस्थायी रूप से मदद करेगा, लेकिन फिर भी यह महत्वपूर्ण है।'

दुनिया से और ख़बरें
कोरोना वायरस पर इटली और चीन की स्थिति पूरी दुनिया के लिए सबक़ होना चाहिए। सबक़ यह कि इस वायरस से कैसे लड़ा जाए और लापरवाही की कोई गुँजाइश नहीं छोड़ी जाए। इटली का सबक़ तो भारत जैसे देशों की सरकारों के लिए तो ख़ासतौर पर काफ़ी महत्वपूर्ण है। जब स्वास्थ्य व्यवस्था मज़बूत होने के बावजूद इटली जैसे विकसित देश में कोरोना वायरस से निपटने में ऐसी स्थिति आ जाएगी तो भारत जैसे देशों का क्या होगा? इसके लिए किस स्तर की तैयारी होनी चाहिए?
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें