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अलशिफा अस्पताल गजा के अंदर इजराइल फौज

ग़ज़ा के अलशिफा अस्पताल में घुसी इजराइली सेना, कत्ल-ए-आम जारी

इजराइली सैन्य बल (आईडीएफ) ने कहा है कि "आईडीएफ ने बुधवार सुबह अल-शिफा अस्पताल में घुसकर ऑपरेशन शुरू कर दिया है।खुफिया जानकारी और ऑपरेशन की जरूरत के आधार पर आईडीएफ बल अल-शिफा अस्पताल में एक खास क्षेत्र में हमास के खिलाफ एक सटीक और टारगेट अभियान चला रहे हैं।"

अल जजीरा चैनल ने अल-शिफ़ा के अंदर एक डॉक्टर के हवाले से बताया है कि इज़राइली छापे ने अस्पताल में मरीजों, विस्थापित लोगों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के बीच दहशत पैदा कर दी है। जबकि हमास ने इस बात से इनकार किया है कि वह गजा में अल-शिफा जैसे अस्पतालों को कमांड सेंटर के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। उसने इज़राइल और संयुक्त राज्य अमेरिका पर "क्रूर नरसंहार" को उचित ठहराने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। 7 अक्टूबर से गजा पर इजराइली हमलों में 11,300 से अधिक फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।


इजराइली फौज ने बयान में कहा- "आईडीएफ बलों में डॉक्टर और अरबी भाषी लोग शामिल हैं, जिन्होंने इस जटिल और संवेदनशील ऑपरेशन की तैयारी के लिए ट्रेनिंग प्राप्त की है, जिसका मकसद नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना है। ऑपरेशन से पहले अस्पताल को बीमारों और बेघरों से खाली कराने का प्रयास किया गया था और यहां तक ​​कि एक विशेष मार्ग भी खोला गया था। अस्पताल प्रबंधन को परिसर में (आईडीएफ) प्रवेश द्वार के बारे में समय से पहले सूचित किया गया था... इनक्यूबेटर, चिकित्सा उपकरण और बच्चों का खाना अस्पताल में ले जाने की छूट है।"

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गजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार सुबह अल शिफा अस्पताल परिसर पर इजराइली हमले की चेतावनी देते हुए कहा कि इजराइल ने गजा के स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित किया कि उसकी सेनाएं अस्पताल पर छापा मारेंगी। अब आईडीएफ के बयान ने इसकी पुष्टि कर दी है।
अलशिफा अस्पताल पर अमेरिका वही राग गा रहा है जो इजराइली सेना कह रही है। जबकि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने मानवीय नुकसान को लेकर इजराइल को चेतावनी दी थी कि अस्पतालों को कम नुकसान पहुंचे। यूएसए की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने एयर फ़ोर्स वन में संवाददाताओं से कहा कि हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने कुछ गजा अस्पतालों का इस्तेमाल हथियार रखने, बंधकों को रखने के लिए किया है। वो लोग आईडीएफ से लड़ने के लिए तैयार हैं। प्रवक्ता ने कहा- "हमारे पास जानकारी है कि हमास और फिलिस्तीनी इस्लामिक जिहाद ने छिपने के लिए अल-शिफ़ा सहित गजा पट्टी में कुछ अस्पतालों और उनके नीचे सुरंगों का इस्तेमाल किया था।"

अस्पताल सबसे आसान टारगेट

अल जजीरा के मुताबिक फ़िलिस्तीनी विश्लेषक थाबेट अल-अमौर ने अल-शिफ़ा पर इज़राइली हमले के सैन्य महत्व को कम करते हुए जोर दिया कि युद्ध में अस्पताल सबसे आसान लक्ष्य होता है। उन्होंने कहा कि एक इजराइली युद्धपोत अल-शिफा को घेर सकता है, जो अपनी मारक क्षमता से गजा के तटों से 400 मीटर (437 गज) से अधिक दूर नहीं है। अल-अमौर ने कहा, 'अस्पताल में जब इजराइली सेना पहुंची होगी तो क्या उन्होंने सोचा था कि हमास के नेता और प्रतिरोध के नेता अल-शिफ़ा अस्पताल की मुख्य लॉबी में उनके लिए इंतज़ार कर रहे होंगे - और उनके साथ बंधक भी होंगे?" उन्होंने कहा: "यह पागलपन के अलावा कुछ नहीं है। पूर्ण पागलपन... यह एक अस्पताल है और कुछ नहीं।"

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हमास के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य इज़्ज़त अल-रिशेक ने अल-शिफा पर अपने छापे को एक उपलब्धि के रूप में चित्रित करने के इजराइली प्रयास को "बचकानी राजनीति चाल" कहा है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि अस्पताल एक नागरिक सुविधा है जिसमें डॉक्टर, मरीज़ और विस्थापित लोग रहते हैं - वहां कम से कम हमास का कोई सैन्य लक्ष्य नहीं हो सकता। अल-रिशेक ने एक वीडियो संदेश में कहा, "नेतन्याहू और उनकी सेना द्वारा इसे एक उपलब्धि या जीत के रूप में चित्रित करने का प्रयास उनकी कमियों और हार की गहराई को दर्शाता है।"

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क़मर वहीद नक़वी
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