पाकिस्तान के पूर्व वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान के द्वारा लगाए गए आरोपों को पाकिस्तानी फौज की मीडिया विंग इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस यानि आईएसपीआर ने खारिज कर दिया है।
आईएसपीआर ने कहा है कि इमरान खान के द्वारा फौज और विशेषकर आर्मी के एक बड़े अफसर पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद और गैर जिम्मेदाराना हैं और इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता।
इमरान ने अपने वीडियो संदेश में पाकिस्तानी आर्मी के चीफ़ क़मर जावेद बाजवा से कहा है कि आईएसआई के महानिदेशक फैसल नसीर इस मुल्क को तबाही की ओर ले जा रहे हैं और हमारी फौज को कमजोर कर रहे हैं। इमरान ने आर्मी चीफ से कहा है कि हमें चोरों के साथ नहीं चलना है।
आर्मी पर हमलावर हैं इमरान
इमरान खान इस साल अप्रैल में अपनी हुकूमत के गिरने के बाद से ही आर्मी पर जोरदार ढंग से हमलावर हैं। वह पाकिस्तान में बेहद ताकतवर आर्मी से सीधी लड़ाई छेड़ चुके हैं। इमरान खान के द्वारा पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा पर किए जा रहे लगातार हमलों का मुद्दा इतना गंभीर है कि पाकिस्तान में पहली बार वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को प्रेस कॉन्फ्रेन्स करनी पड़ी। इसके साथ ही इमरान शहबाज शरीफ की हुकूमत से भी भिड़ रहे हैं।
बताना होगा कि आर्मी ने ही इमरान खान को पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म के पद पर बैठाया था और कहा जाता है कि आर्मी ने ही उन्हें हटा दिया। लंबे वक्त तक पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलने वाले इमरान खान के बारे में यह किसी ने नहीं सोचा था कि वह एक दिन मुल्क के वज़ीर-ए-आज़म बनेंगे और वहां की आर्मी को ही चुनौती दे देंगे।
जारी रखें प्रदर्शन
क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ने कहा कि विरोधियों ने ऐसा प्रोजेक्ट किया कि उन्होंने मजहब की तौहीन की है और वह पहले ही इस बात को अवाम के सामने रख चुके थे। इमरान ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वज़ीर-ए-आज़म शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के महानिदेशक मेजर जनरल फैसल नसीर के पद से हटने तक वे अपना प्रदर्शन जारी रखें।
इमरान खान पर हमले के बाद पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने देशभर में जोरदार प्रदर्शन किया है। कराची, फैसलाबाद, रावलपिंडी, क्वेटा, लाहौर सहित कई बड़े शहरों में पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर मौजूदा हुकूमत के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
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