loader

रूस-यूक्रेन युद्ध: जान बचाने के लिए बंकरों-मेट्रो स्टेशनों में छिपे लोग

रूस ने यूक्रेन पर जिस तरह से जोरदार हमला बोल दिया है उससे आम लोगों के लिए अपनी जान बचाना बेहद मुश्किल हो गया है। यूक्रेन से आ रही तसवीरों और वीडियो से पता चलता है कि लोग मेट्रो स्टेशनों-बंकरों में छुप कर अपनी जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इनमें बड़ी संख्या में भारतीय भी हैं जो लगातार केंद्र सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि उन्हें यहां से सुरक्षित निकाल लिया जाए।

रूस के द्वारा यूक्रेन पर हमला करने के बाद से ही गुरुवार को बड़ी संख्या में लोगों ने देश को छोड़ना शुरू कर दिया था। इस वजह से यूक्रेन में कई सड़कों पर भयंकर जाम लग गया था और एटीएम के बाहर भी लंबी कतारें लग गई थीं। 

लोग बड़ी संख्या में सुपर मार्केट्स में भी पहुंचे थे जिससे वे आने वाले कुछ दिनों के लिए खाने-पीने का सामान जुटा सकें। 

ताज़ा ख़बरें
हमले के बाद लोग छोटे बच्चों और परिवार के साथ किसी सुरक्षित ठिकाने की तलाश में घर छोड़कर निकल चुके हैं। लेकिन युद्ध के दूसरे दिन जब रूस ने कीव पर बमबारी शुरू कर दी तो लोगों के लिए बाहर निकलना मुश्किल हो गया। ऐसे हालात में 20 हजार भारतीय नागरिकों के साथ ही यूक्रेन के आम लोग और दूसरे देशों के लोग भी वहां बड़ी मुसीबत में फंस गए हैं। 
Indians Stranded In Ukraine amid Russia military operation  - Satya Hindi

जिस तरह रूस और यूक्रेन की सेनाएं आमने-सामने हैं और भयंकर युद्ध चल रहा है उससे ऐसा नहीं लगता कि लोगों को वहां से सुरक्षित निकाल पाना इतना आसान होगा। बहुत सारे लोग पोलैंड, हंगरी और रोमानिया की तरफ निकल पड़े थे लेकिन जो लोग कीव या यूक्रेन के दूसरे शहरों में फंस गए हैं उनकी मुश्किलें बहुत ज्यादा बढ़ गई हैं।

रूस के जोरदार हमलों का यूक्रेन की ओर से भी पूरा जवाब दिया जा रहा है और इस से यह जंग लगातार बढ़ती जा रही है। 

दुनिया से और खबरें

मुश्किलों में इजाफा

भारतीय छात्र लगातार यूक्रेन से सोशल मीडिया के जरिए अपने वीडियो शेयर कर सरकार से गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि यहां लगातार बमबारी हो रही है और सभी सड़क मार्ग बंद हो चुके हैं। ऐसे में इन लोगों के पास खाने-पीने का सामान भी कम पड़ता जा रहा है।

निश्चित रूप से यह बहुत बड़ा मानवीय संकट है और रूस को रोकने के लिए दुनिया भर के तमाम देश उस पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। लेकिन बावजूद इसके रूस यूक्रेन पर पूरी ताकत से हमला कर रहा है और ऐसा लगता है कि वह वहां की सरकार को गिरा देगा। 

इस बीच, भारत कोशिश कर रहा है कि वहां फंसे लोगों को किसी तरह से निकाल लिया जाए लेकिन युद्ध के हालात के बीच ऐसा करना आसान नहीं है। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें