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आर्मी को चुनौती दे रहे क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान

पाकिस्तान के पूर्व वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान इस साल अप्रैल में अपनी हुकूमत के गिरने के बाद से ही आर्मी पर जोरदार ढंग से हमलावर हैं। वह पाकिस्तान में बेहद ताकतवर आर्मी से सीधी लड़ाई छेड़ चुके हैं। इमरान खान के द्वारा पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा पर किए जा रहे लगातार हमलों का मुद्दा इतना गंभीर है कि पाकिस्तान में पहली बार वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को प्रेस कॉन्फ्रेन्स करनी पड़ी। इसके साथ ही इमरान शहबाज शरीफ की हुकूमत से भी भिड़ रहे हैं। 

लंबे वक्त तक पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलने वाले इमरान खान के बारे में यह किसी ने नहीं सोचा था कि वह एक दिन मुल्क के वज़ीर-ए-आज़म बनेंगे और वहां की आर्मी को ही चुनौती दे देंगे। 

Imran Khan Haqeeqi Azadi march and Pakistan army - Satya Hindi

1992 के विश्व कप में बतौर कप्तान पाकिस्तान को जीत दिलाने वाले इमरान खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई की स्थापना की थी। शुरुआती सालों में धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे इमरान ने साल 2011 में लाहौर में एक बड़ी रैली की थी और इसके बाद उन्हें पाकिस्तान के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाने लगा था। 

साल 2013 के आम चुनाव में इमरान खान युवाओं के बीच जबरदस्त लोकप्रिय हुए थे और उनकी लोकप्रियता पाकिस्तान की दो मुख्य विपक्षी पार्टियों पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन गई थी। 

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साल 2013 में पीटीआई को पहली बड़ी सफलता तब मिली थी जब उसने जमात-ए-इस्लामी के साथ खैबर पख्तूनख्वा राज्य में अपनी सरकार बनाई। साल 2018 के चुनाव के बाद इमरान की पार्टी पाकिस्तान में सरकार बनाने में कामयाब रही और उसने पंजाब में भी अपनी सरकार बनाई। 

इमरान खान की तीन शादियां

इमरान खान ने तीन शादियां की हैं और दो बीवियों से उनका तलाक हो चुका है। साल 1985 में उन्होंने जेमिमा गोल्डस्मिथ से शादी की थी और उनके दो बेटे सुलेमान खान और कासिम खान हुए थे। 2004 में उनका तलाक हो गया था। 2015 में उन्होंने न्यूज एंकर रेहम खान से शादी की लेकिन यह रिश्ता सिर्फ 10 महीने तक चला था। साल 2018 में उन्होंने बुशरा मनिका से शादी की थी।

Imran Khan Haqeeqi Azadi march and Pakistan army - Satya Hindi
बुशरा के बारे में कहा जाता है कि पाकिस्तान में उनकी पहचान आध्यात्मिक गुरू के रूप में है और बड़ी संख्या में उनके फ़ॉलोवर्स हैं। बुशरा के फ़ॉलोवर्स मानते हैं कि उनके पास आध्यात्मिक ताक़तें हैं। बुशरा से शादी के छह महीने बाद ही इमरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बन गये थे। 
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इमरान को पाकिस्तान की सियासत में ढाई दशक का वक्त हो चुका है और वह इस बात को अच्छी तरह जानते हैं कि पाकिस्तान में आर्मी से टकराने का क्या मतलब है। 

अपनी सरकार गिरने के बाद से ही इमरान खान ने जितने बड़े जलसे पाकिस्तान के अंदर किए हैं, इन जलसों में आने वाली भीड़ से पता चलता है कि उनकी लोकप्रियता इस मुल्क में सिर चढ़कर बोलती है। हालिया उपचुनाव में भी उनकी पार्टी पीटीआई को जोरदार जीत मिली थी। 

पाकिस्तान की सियासत में आर्मी का अच्छा-खासा दखल है और वह इस मुल्क के अंदर तीन बार तख्तापलट भी कर चुकी है। पाकिस्तान के बारे में सीधी बात यही कही जाती है कि वहां आर्मी की इजाजत के बिना कुछ नहीं हो सकता।
ऐसे में इमरान खान जब आर्मी से सीधे टकरा रहे हैं तो निश्चित रूप से उनके लिए यह लड़ाई आसान नहीं है। बताना होगा कि आर्मी ने ही इमरान खान को पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म के पद पर बैठाया था और कहा जाता है कि आर्मी ने ही उन्हें हटा दिया। 
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क़मर वहीद नक़वी
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