पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की मुश्किल बढ़ गई है। उन पर सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले की साजिश रचने और लोगों को विद्रोह के लिए उकसाने के लिए आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है। इन आरोपों में अधिकतम मौत की सजा का प्रावधान है।
पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने जून महीने में कहा था कि सरकार और सरकारी संस्थानों के खिलाफ नफरती और राजनीतिक रूप से प्रेरित विद्रोह को बढ़ावा देने वाले योजनाकारों और मास्टरमाइंडों के ख़िलाफ़ कानूनी शिकंजा कसा जाएगा। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, रावलपिंडी में जनरल हेडक्वार्टर में 81वें फॉर्मेशन कमांडर्स सम्मेलन के दौरान इस पर आम सहमति बनी थी। फॉर्मेशन कमांडर्स सम्मेलन सेना के बड़े मंचों में से एक है, जो आमतौर पर संगठनात्मक मुद्दों पर विचार-विमर्श के अलावा रणनीति, संचालन और प्रशिक्षण मामलों पर चर्चा के लिए साल में एक बार बैठक करता है।
दरअसल, जिस विद्रोह की बात की गई वह मई महीने में इमरान ख़ान की राजनीतिक पार्टी पीटीआई के प्रदर्शन से जुड़ा है। इमरान खान की इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के बाहर गिरफ्तारी को लेकर पाकिस्तान के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था।
9 मई को भ्रष्टाचार के एक मामले में अर्धसैनिक रेंजर्स द्वारा पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शन हुए। बाद में इमरान को जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
इमरान खान और सैकड़ों पीटीआई नेताओं और कार्यकर्ताओं पर 9 मई को शहर में लाहौर कोर कमांडर हाउस और अस्करी टॉवर पर हमला करने का आरोप है।
भारतीय समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए लाहौर पुलिस के वरिष्ठ जांच अधिकारी अनूश मसूद ने कहा कि इमरान खान और उनकी पार्टी के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं पर 9 मई को सैन्य और राज्य प्रतिष्ठानों पर हमला करने के लिए समर्थकों को उकसाने के लिए आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस ने लाहौर में 9 मई की घटनाओं की गहन जांच की और इमरान को सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमलों और लोगों को हिंसा के लिए उकसाने का मास्टरमाइंड पाया।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'खान और अन्य को धारा 120-बी के अलावा, दंगा भड़काने के इरादे से उकसाने, विद्रोह को बढ़ावा देने और पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ने का प्रयास करने के संबंध में नौ अन्य अपराधों का सामना करना पड़ेगा। मामले का चालान पुलिस जांचकर्ताओं और अभियोजकों द्वारा तैयार किया गया है और इसे आतंकवाद विरोधी अदालत लाहौर में प्रस्तुत किया जाएगा।'
खान 5 अगस्त, 2023 से पंजाब प्रांत की अटक जेल में हैं। उन्हें तोशाखाना (उपहार) मामले में गिरफ्तार किया गया था और बाद में तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई थी। बाद में ऊपरी अदालत द्वारा फैसले को निलंबित करने के बाद उन्हें मामले में जमानत दे दी गई। हालाँकि, उन्हें आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत सिफर मामले में फिर से गिरफ्तार कर लिया गया।
अपनी राय बतायें