सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद पाकिस्तान के पूर्व वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान पर हुए हमले को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। लेकिन इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) ने कहा है कि एफआईआर में वज़ीर-ए-आज़म शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक मेजर जनरल फैसल नसीर का नाम नहीं है, इसलिए वह इस एफआईआर को पूरी तरह खारिज करती है। बताना होगा कि इमरान खान ने उन पर हुए हमले के लिए इन तीनों ही लोगों को जिम्मेदार ठहराया था।
इमरान खान पर 3 नवंबर को लाहौर से इस्लामाबाद तक निकाले जा रहे हकीकी आजादी मार्च के दौरान वजीराबाद में हमला हुआ था। लेकिन इस हमले की एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी।
इसे लेकर जब पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने चेताया कि अगर पंजाब पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती है तो वह स्वत: संज्ञान लेकर कार्यवाही शुरू करेगा, इसके बाद पंजाब पुलिस की ओर से सोमवार को एफआईआर दर्ज की गई। यह एफआईआर आतंकवाद के आरोपों को लेकर दर्ज की गई है और इसमें नावीद नाम के शख्स को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एफआईआर दर्ज करने में देरी पर नाराजगी जताई थी और पुलिस को 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल ने पुलिस से कहा था कि क्या आप नहीं देख रहे हैं कि कौमी नेता की हत्या की कोशिश की गई है।
पीटीआई की ओर से कहा गया है कि यह एफआईआर पूरी तरह अवैध है क्योंकि यह सीआरपीसी की धारा 154 का उल्लंघन करती है और सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाए गए कानूनों के खिलाफ है।
10 नवंबर से शुरू होगा आजादी मार्च
पीटीआई ने कहा है कि आजादी मार्च एक बार फिर 10 नवंबर से वजीराबाद से शुरू होगा। इमरान खान इस साल अप्रैल में अपनी हुकूमत के गिरने के बाद से ही आर्मी पर जोरदार ढंग से हमलावर हैं। वह पाकिस्तान में बेहद ताकतवर आर्मी से सीधी लड़ाई छेड़ चुके हैं। आने वाले दिनों में पाकिस्तान में पीटीआई के कार्यकर्ताओं का हुकूमत के साथ ही आर्मी और आईएसआई के साथ भी टकराव बढ़ सकता है।
हमले के बाद इमरान ने कहा था कि अगर मोअज्जम और इब्तिशाम ना होते तो इसमें कई और लोग घायल हो सकते थे। उन्होंने कहा कि पूरी घटना के दौरान 11 लोगों को गोलियां लगी हैं और एक शख्स की मौत हो गई। उन्होंने पूछा कि पत्रकारों आज़म स्वाति, शाहबाज गिल के साथ क्या हुआ और इससे पाकिस्तान की छवि खराब हुई है।
जारी रखें प्रदर्शन
क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान ने कहा था कि विरोधियों ने ऐसा प्रोजेक्ट किया कि उन्होंने मजहब की तौहीन की है और वह पहले ही इस बात को अवाम के सामने रख चुके थे। इमरान ने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि वज़ीर-ए-आज़म शहबाज शरीफ, गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के महानिदेशक मेजर जनरल फैसल नसीर के पद से हटने तक वे अपना प्रदर्शन जारी रखें। उन्होंने कहा कि मेजर जनरल फैसल नसीर इस मुल्क़ को तबाही की ओर ले जा रहा है।
‘बेबुनियाद और गैर जिम्मेदाराना हैं आरोप’
दूसरी ओर पाकिस्तानी फौज की मीडिया विंग इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशंस यानि आईएसपीआर ने इमरान खान के द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को पूरी तरह खारिज कर दिया। आईएसपीआर ने कहा कि इमरान खान के द्वारा फौज और विशेषकर आर्मी के एक बड़े अफसर पर लगाए गए आरोप पूरी तरह बेबुनियाद और गैर जिम्मेदाराना हैं और इन्हें स्वीकार नहीं किया जा सकता। आईएसपीआर ने कहा कि इस तरह के आरोप बेहद अफसोसनाक हैं और इनकी निंदा की जानी चाहिए। आईएसपीआर ने सरकार से मांग की कि वह इस तरह के आरोप लगाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे क्योंकि इस तरह के फर्जी आरोप लगाकर फौज की छवि खराब की जा रही है।
जोरदार प्रदर्शन
इमरान खान पर हमले के बाद पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने देशभर में जोरदार प्रदर्शन किए हैं। कराची, फैसलाबाद, रावलपिंडी, क्वेटा, लाहौर सहित कई बड़े शहरों में पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर मौजूदा हुकूमत के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
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