सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार रात को कहा कि इमरान खान की पीटीआई को इस्लामाबाद के एच-9 और जी-9 इलाके के बीच पेशावर मोड़ के पास अपना आजादी मार्च विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को मार्च के सिलसिले में इमरान खान समेत पीटीआई के नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने से रोक दिया।
अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे "अनावश्यक बल प्रयोग" न करें और पीटीआई के अन्य नेताओं और कार्यकर्ताओं के घरों और कार्यालयों पर छापेमारी न करें या उन्हें गिरफ्तार न करें। इसने हिरासत में लिए गए वकीलों के साथ-साथ लोक व्यवस्था रखरखाव (एमपीओ) अध्यादेश 1960 के तहत गिरफ्तार किए गए लोगों को तत्काल रिहा करने का भी आदेश दिया। इसके अलावा, इसने आदेश दिया कि पिछले 48 घंटों के भीतर जब्त की गई कारों को उनके मालिकों को वापस कर दिया जाए।
जस्टिस इजाजुल अहसन की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच और जस्टिस मुनीब अख्तर और जस्टिस सैय्यद मजहर अली अकबर नकवी की पीठ ने एक दिन पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट बार असोसिएशन (आईएचसीबीए) के अध्यक्ष मोहम्मद शोएब शाहीन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के बाद आदेश जारी किया। इस घटनाक्रम के बाद अब राजधानी में नाकेबंदी हटाने का फैसला प्रशासन ने लिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए, हम आदेश देते हैं कि पीटीआई कार्यकर्ताओं के घरों पर कोई छापेमारी नहीं की जाए। जिन वकीलों पर गंभीर आरोप नहीं हैं उन्हें भी तुरंत रिहा किया जाना चाहिए।
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बता दें कि इमरान खान ने बुधवार को इस्लामाबाद में आजादी मार्च बुलाया था। इस मार्च को शहबाज शरीफ की सरकार ने रोकने की कोशिश की। बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां कीं। इस समाचार के लिखे जाने तक इमरान खान रात को प्रदर्शन स्थल नहीं पहुंच सके थे। वहां हजारों की भीड़ उनका इंतजार कर रही है।सुप्रीम कोर्ट ने पीटीआई चीफ इमरान खान से कहा कि उनके कार्यकर्ता किसी भी तरह की हिंसक कार्रवाई से बाज आएं।
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