loader

मुस्लिम देश ताजिकिस्तान में हिजाब और विदेशी ड्रेस पर प्रतिबंध

मध्य एशियाई देश ताजिकिस्तान ने इस सप्ताह आधिकारिक तौर पर हिजाब और अन्य "विदेशी परिधान" पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया। 19 जून को ताजिकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन मजलिसी मिल्ली द्वारा अनुमोदित विधेयक पास कर दिया गया। 

नए कानून के तहत इस मुस्लिम देश में लोग ईद और बकरीद के त्यौहार पर न तो ईदी या न कोई उपहार बच्चों को दे सकेंगे। ईदी या कोई उपहार घर या कुनबे के बड़े लोग छोटों खासकर बच्चों को एशियाई देशों में देते हैं।


ताजिकिस्तान में नए कानून के तहत, हिजाब या अन्य प्रतिबंधित धार्मिक कपड़े पहनने वाले व्यक्तियों को लगभग $700 तक का भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है। कर्मचारियों को प्रतिबंधित ड्रेस पहनने की अनुमति देने वाली कंपनियों पर $3,500 का जुर्माना लगेगा। उल्लंघन पाए जाने पर सरकारी अधिकारियों और धार्मिक नेताओं को $4,800-$5,100 का भारी जुर्माना भरना पड़ेगा।

ताजा ख़बरें

ताजिकिस्तान में हाल के वर्षों में मध्य पूर्व देशों के इस्लामी कपड़ों की आमद देखी गई है। जिसे ताजिकिस्तान में उग्रवाद से जुड़ा हुआ और उसकी खुद की सांस्कृतिक पहचान के लिए खतरा माना गया। 1 मार्च को राष्ट्रपति इमोमाली रहमोन ने अपने भाषण में हिजाब को "विदेशी कपड़े" के रूप में संदर्भित किया। ताजिकिस्तान सरकार ने विकल्प के रूप में पारंपरिक ताजिक राष्ट्रीय पोशाक को बढ़ावा दे रही है।

कुछ खास बातें

  • ताजिकिस्तान में 2007 से छात्राओं के लिए हिजाब पर प्रतिबंध है, बाद में यह प्रतिबंध सभी सार्वजनिक संस्थानों में भी लागू किया गया। नए कानून ने अब इसे पूरे देश में सभी जगह के लिए लागू कर दिया है।
  • ताजिकिस्तान सरकार पुरुषों की लंबी घनी दाढ़ी रखने के खिलाफ है। वो दाढ़ी को प्रतीक के रूप में मान्यता देती है। पिछले एक दशक में पुलिस द्वारा जबरन हजारों पुरुषों की लंबी दाढ़ी काटने की खबरें आई हैं।

ताजिकिस्तान के मानवाधिकार संगठनों ने ताजिकिस्तान के हिजाब प्रतिबंध को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताते हुए इसकी आलोचना की है। 98% से अधिक आबादी मुसलमानों की होने के कारण, इस कानून के प्रभावी होने पर ताजिक समाज के अंदर से कड़े विरोध का सामना करने की संभावना है।

दुनिया से और खबरें

ऐतिहासिक रूप से ताजिकिस्तान ईरानी संस्कृति प्रभाव वाला क्षेत्र है। अन्य मध्य एशियाई देशों की तरह, 20वीं शताब्दी में जब ताजिकिस्तान सोवियत गणराज्य का हिस्सा था तो इसे धर्मनिरपेक्ष देश घोषित किया गया था। यहां तक ​​कि ताजिक भाषा जिसे लिखने के लिए फ़ारसी लिपि इस्तेमाल की जाती है उसे रूसी भाषा के लिए इस्तेमाल होने वाली सिरिलिक वर्णमाला के जरिए बदलने की कोशिश की गई। ईरान में पर्दा या हिजाब सिर्फ सिर ढांकने तक सीमित है, वहां अरब देशों जैसा पर्दा नहीं है, जिसमें महिला की बस दो आंखें दिखाई देती हैं। इसी तरह ईरान में घनी दाढ़ी या लंबी दाढ़ी का कोई रिवाज नहीं है। जबकि अरब देश और पाकिस्तान इससे अलग हैं। ईरान में दाढ़ी हल्की होती है और वो एक इस्लामी सिंबल की तरह ही रखी जाती है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें