loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

झारखंड 81 / 81

इंडिया गठबंधन
56
एनडीए
24
अन्य
1

महाराष्ट्र 288 / 288

महायुति
233
एमवीए
49
अन्य
6

चुनाव में दिग्गज

बाबूलाल मरांडी
बीजेपी - धनवार

जीत

हेमंत सोरेन
जेएमएम - बरहेट

जीत

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का निधन 

पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का लंबी बीमारी के बाद 79 वर्ष की उम्र में आज दुबई के अमेरिकन अस्पताल में निधन हो गया। वह काफी समय से बीमार चल रहे थे। उनके मृत शरीर को पाकिस्तान वापस लाया जाएगा या नहीं, इस बारे में कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। हालांकि उनका परिवार पिछले साल से ही उन्हें घर वापस लाने की कोशिश कर रहा है।
मुशर्रफ के परिवार ने पिछले साल उनके आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया था कि 'रिकवरी संभव नहीं है। पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति को वेंटिलेटर पर रखे जाने की खबरों के बाद उनके परिवार ने बयान जारी कर बताया था। मुशर्रफ को लेकर खबर थी की वह एमाइलॉयडोसिस नामक बीमारी से जूझ रहे हैं, बाद में उनके परिवार ने बताया था कि वह ऐसी किसी बीमारी से पीड़ित नहीं हैं।
ताजा ख़बरें
मुशर्ऱफ, पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 2007 में हत्या के आरोपों का सामना कर रहे थे। जिसकी वजह से वह निर्वासन में थे और पिछले आठ साल से दुबई में रह रहे थे। हालांकि उन्होंने बाकी का जीवन पाकिस्तान में रहकर बिताने की ख्वाहिश जारी की थी और वह पाकिस्तान लौटने के लिए प्रयास कर रहे थे। लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली थी।
वह 1999 में सैन्य तख्तापलट के बाद पाकिस्तान के दसवें राष्ट्रपति बने थे। उन्होंने 1998 से 2001 तक पाकिस्तान की ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (सीजेसीएससी) के 10 वें अध्यक्ष और 1998 से 2007 तक 7 वें शीर्ष जनरल के रूप में कार्य किया।
भारत पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने के लिए मुशर्रफ काफी प्रयासरत थे। इसके लिए अटल बिहारी वाजपेई के साथ कई दौर की बातचीत की। इसमें आगरा शिखर सम्मेलन एक बेहतरीन प्रयास था, जो अपनी अंतिम परिणीति तक नहीं पहुंच पाया। इसके बाद भी दोनों देशों के आपसी रिश्तों में  बहुत तक दोस्ताना माहौल रहा। मुशर्ऱफ का कार्यकाल भारत पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने के लिए आखिरी गंभीर प्रयास कहा जा सकता है।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें