पाकिस्तान के पूर्व वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान पर गुरुवार को किसी ने फायरिंग कर दी। फायरिंग में इमरान खान और उनके कुछ करीबी घायल हुए हैं। फायरिंग में एक शख्स की मौत हो गई है। फायरिंग की यह घटना वजीराबाद में अल्लाह वाला चौक पर हुई।
इमरान के पांव में गोली लगी है और उन्हें लाहौर के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत खतरे से बाहर है। घायल होने वालों में फैसल जावेद, अहमद चट्ठा व अन्य लोग शामिल हैं। इमरान खान के करीबी और पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि एके-47 से फायरिंग की गई है। बताना होगा कि इमरान खान इन दिनों लाहौर से इस्लामाबाद तक हकीकी आजादी मार्च निकाल रहे हैं और गुरूवार को मार्च का सातवां दिन था।
फायरिंग के बाद पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने हमलावर को दबोच लिया और इमरान खान को सुरक्षा घेरे में ले लिया। फायरिंग करने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है और पुलिस उससे पूछताछ कर रही है। मुल्क के वज़ीर-ए-आज़म शहबाज शरीफ सहित कई आला नेताओं ने इस हमले की निंदा की है और इस पूरी घटना की रिपोर्ट तलब कर ली है।
मार्च के दौरान इमरान खान ने मुल्क में जल्द से जल्द चुनाव कराए जाने की अपनी मांग को दोहराया है और कहा है कि आवाम को इस बात का फैसला करने दें कि मुल्क के हालात कौन बेहतर कर सकता है।
यह मार्च बीते शुक्रवार को लाहौर के लिबर्टी चौक से शुरू हुआ था। इमरान के इस्लामाबाद कूच को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने बड़े पैमाने पर इंतजाम किए हैं। इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ यानी पीटीआई के मुताबिक तमाम जगहों पर आजादी मार्च को जोरदार समर्थन मिल रहा है।
आर्मी को दे रहे चुनौती
इमरान खान इस साल अप्रैल में अपनी हुकूमत के गिरने के बाद से ही आर्मी पर जोरदार ढंग से हमलावर हैं। वह पाकिस्तान में बेहद ताकतवर आर्मी से सीधी लड़ाई छेड़ चुके हैं। इमरान खान के द्वारा पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा पर किए जा रहे लगातार हमलों का मुद्दा इतना गंभीर है कि पाकिस्तान में पहली बार वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम को प्रेस कॉन्फ्रेन्स करनी पड़ी। इसके साथ ही इमरान शहबाज शरीफ की हुकूमत से भी भिड़ रहे हैं।
लंबे वक्त तक पाकिस्तान के लिए क्रिकेट खेलने वाले इमरान खान के बारे में यह किसी ने नहीं सोचा था कि वह एक दिन मुल्क के वज़ीर-ए-आज़म बनेंगे और वहां की आर्मी को ही चुनौती दे देंगे।
बताना होगा कि आर्मी ने ही इमरान खान को पाकिस्तान के वज़ीर-ए-आज़म के पद पर बैठाया था और कहा जाता है कि आर्मी ने ही उन्हें हटा दिया।
1996 में बनाई थी पीटीआई
1992 के विश्व कप में बतौर कप्तान पाकिस्तान को जीत दिलाने वाले इमरान खान ने 1996 में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ यानी पीटीआई की स्थापना की थी। शुरुआती सालों में धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे इमरान ने साल 2011 में लाहौर में एक बड़ी रैली की थी और इसके बाद उन्हें पाकिस्तान के कद्दावर नेताओं में शुमार किया जाने लगा था।
साल 2013 के आम चुनाव में इमरान खान युवाओं के बीच जबरदस्त लोकप्रिय हुए थे और उनकी लोकप्रियता पाकिस्तान की दो मुख्य विपक्षी पार्टियों पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के लिए मुसीबत का सबब बन गई थी।
अपनी सरकार गिरने के बाद से ही इमरान खान ने जितने बड़े जलसे पाकिस्तान के अंदर किए हैं, इन जलसों में आने वाली भीड़ से पता चलता है कि उनकी लोकप्रियता इस मुल्क में सिर चढ़कर बोलती है। हालिया उपचुनाव में भी उनकी पार्टी पीटीआई को जोरदार जीत मिली थी।
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