loader

हमले में घायल जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का निधन हो गया है। शिंजो आबे पर शुक्रवार सुबह हमला हुआ था। पश्चिमी जापान के नारा शहर में उन पर तब गोली चलाई गई थी जब वह एक रैली में भाषण दे रहे थे। गोली लगने के बाद आबे को दिल का दौरा भी पड़ा। 

शिंजो आबे के इस हमले से बच जाने के लिए जापान के साथ ही दुनिया भर में लोग दुआएं कर रहे थे लेकिन डॉक्टर्स की तमाम कोशिश के बाद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके निधन के बाद पूरे जापान में शोक की लहर दौड़ गई है। 

67 साल के शिंजो आबे गोली लगने के बाद धड़ाम से गिर पड़े। जापानी समय के अनुसार गोली चलने की यह घटना सुबह 11:30 बजे हुई। 
ताज़ा ख़बरें

जापानी मीडिया के मुताबिक मौके पर लगातार दो गोलियां चलने की आवाज सुनाई दी। आबे को तुरंत अस्पताल में ले जाया गया था। घटना के बाद पुलिस ने 41 वर्षीय हमलावर तेत्सुया यामागामी को गिरफ्तार कर लिया और उसकी बंदूक को भी जब्त कर लिया गया। 

हमलावर से हुई पूछताछ में पता चला है कि वह शिंजो आबे से नाराज था और उनकी हत्या करना चाहता था। वह जापान के मैरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स में भी रह चुका है और उसने एक होम मेड बंदूक से पूर्व प्रधानमंत्री पर गोलियां चलाई।

शिंजो आबे सबसे लंबे वक्त तक जापान के प्रधानमंत्री रहे। आबे का लंबा राजनीतिक करियर रहा और वह कई बड़े पदों पर रहे।

शिंजो आबे लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के लंबे वक्त तक अध्यक्ष रहे। उन्होंने मुख्य कैबिनेट सचिव और विपक्ष के नेता के रूप में भी काम किया। आबे 1993 में संसद के लिए चुने गए थे और उसके बाद जापान के सबसे युवा प्रधानमंत्रियों में उनका नाम शुमार हुआ था।

शिंजो आबे के नेतृत्व में लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी को 2014 और 2017 के चुनाव में भारी जीत मिली थी। अगस्त 2020 में आबे ने अपनी बीमारी के चलते इस्तीफा दे दिया था। 

दुनिया से और खबरें

आबेनॉमिक्स 

शिंजो आबे जापान में बेहद लोकप्रिय थे और उनके पिता भी राजनेता थे। आबे की आर्थिक नीतियों को आबेनॉमिक्स कहा जाता था। प्रधानमंत्री रहते हुए वह जापान में बेरोजगारी की दर को काफी नीचे ले आए थे। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दुनिया से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें